उल्लेखनीय है कि हर वर्ष कस्बे में दशहरा महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता था। कारीगर करीब 15 दिन पहले से ही पुतलों का निर्माण शुरू कर देते थे। शाहपुरा में पिछली बार तो ४० फीट ऊंचाई तक के पुतलों का दहन किया गया था। महोत्सव पर कस्बेवासियों की ओर से कई मोहल्लों से रावण, मेघनाद, कुंभकरण के पुतलों और रामदरबार की झांकियां सजाकर शेाभायात्रा निकाली जाती थी। इसके बाद आतिशी नजारे के बीच फाफिया में रावण के पुतले का दहशन किया जाता था। समारोह में हजारों लोग शािमल होते थे।
पिछले वर्ष नगरपालिका की ओर से भी दशहरा महोत्सव मनाने की शुरुआत की गई थी। समारोह में उल्लेखनीय सेवाएं देने वाले कार्मिकों का शाहपुरा मोक्षधाम विकास समिति की ओर से सम्मान और आतिशबाजी व अखाड़ा बाजी का भी आयोजन किया जाता था। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर सामुहिक आयेाजन नहीं होगा। जिससे शहरवासियों को चौपड़ बाजार, खातेडी नवयुवक मंडल व नगरपालिका की ओर से मुंह से आग उगलते रावण व आतिशी नजारे देखने को नहीं मिलेंगे। अब कुछ जगह कस्बावासी कॉलोनियों में ही दशहरा पर्व मनाएंगे।
बच्चे बना रहे रावण के पुतले
शाहपुरा की कॉलोनियों व मोहल्लों में छोटे बच्चों के द्वारा करीब 10 से १५ फीट ऊंचाई के ही रावण के पुतले तैयार किए जा रहे हें। इन पुतलों का दहन भी कॉलोनियों में ही किया जाएगा। कस्बे की द्रोण कॉलोनी जोगियों का बास में छोटे बच्चों की ओर से मिलकर करीब 10 -12 फीट का रावण का पुतला तैयार किया जा रहा है। जिसका कॉलोनी में ही दहन किया जाएगा। जोगियों के बास निवासी नन्हे कलाकार राहुल सामोता, अवधेश, दिनेश, मानव सहित अन्य बच्चे इस पुतले को तैयार कर रहे हैं। बच्चों ने बताया कि रावण के पुतने का दहन कॉलोनी में ही किया जाएगा।
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शाहपुरा की कॉलोनियों व मोहल्लों में छोटे बच्चों के द्वारा करीब 10 से १५ फीट ऊंचाई के ही रावण के पुतले तैयार किए जा रहे हें। इन पुतलों का दहन भी कॉलोनियों में ही किया जाएगा। कस्बे की द्रोण कॉलोनी जोगियों का बास में छोटे बच्चों की ओर से मिलकर करीब 10 -12 फीट का रावण का पुतला तैयार किया जा रहा है। जिसका कॉलोनी में ही दहन किया जाएगा। जोगियों के बास निवासी नन्हे कलाकार राहुल सामोता, अवधेश, दिनेश, मानव सहित अन्य बच्चे इस पुतले को तैयार कर रहे हैं। बच्चों ने बताया कि रावण के पुतने का दहन कॉलोनी में ही किया जाएगा।
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20 साल में पहली बार नहीं बनेगा रावण का पुतला
खातेडी नवयुवक मंडल के लालचंद जांगिड़ व दीपक जांगिड़ आदि ने बताया कि वे हर वर्ष रावण का पुतला तैयार करते थे। जिसमें हर वर्ष नई तकनीक काम में ली जाती थी, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते रावण का पुतला तैयार नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि उनकी ूपरी टीम मिलकर मुंह से आग निकालता और आंखें टीम टिमाता रावण का पुतला महज 4 से 5 दिन में तैयार कर लेती थी। शेाभायात्रा के दौरान लोगों के आकर्षण का केन्द्र हुआ करता था, लेकिन कोरोना के चलते करीब 20 वर्ष में पहली बार पुतला नहीं बनेगा।
खातेडी नवयुवक मंडल के लालचंद जांगिड़ व दीपक जांगिड़ आदि ने बताया कि वे हर वर्ष रावण का पुतला तैयार करते थे। जिसमें हर वर्ष नई तकनीक काम में ली जाती थी, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते रावण का पुतला तैयार नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि उनकी ूपरी टीम मिलकर मुंह से आग निकालता और आंखें टीम टिमाता रावण का पुतला महज 4 से 5 दिन में तैयार कर लेती थी। शेाभायात्रा के दौरान लोगों के आकर्षण का केन्द्र हुआ करता था, लेकिन कोरोना के चलते करीब 20 वर्ष में पहली बार पुतला नहीं बनेगा।