महामारी के चलते फूलों के पौधे उखाड़कर खेत में पटक रहे है। सुरेठी निवासी किसान मांगीलाल उमरिया ने बताया कि फूलों को ज्यादा दिन तक नहीं छोड़ सकते। पेड़ पर फूल को ज्यादा दिन छोडऩे से पौधे खराब हो जाते है। इसलिए मंदिर व फूल मंडी खुलने के इंतजार में फूल तोड़कर नष्ट कर रहे है। जिससे पौधे खराब होने से बचे रहे।
क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में पानी होने के चलते ग्राम पंचायत नांगल तुलसीदास के गांव निम्बी, सुरेठी, कालाखाना सहित आसपास में सैकड़ों बीघा भूमि पर किसानों द्वारा फूलों की खेती की जाती है। किसान चोटिलाल उमरिया ने बताया कि क्षेत्र का फूल मोटा व चमकदार होता है इसलिए मंडी में यहां के फूलों की ज्यादा डिमांड रहती है। खेती बर्बाद होने से किसान परिवारों का लालन पालन करना मुश्किल हो गया है।
हमेशा 10.15 रुपए प्रति किलो का भाव रहता है और नवरात्रों व शादी समारोह के समय 50 से 70 रुपए प्रति किलो तक रहता है। इस बार महामारी का ग्रहण लगने से मन्दिर, धार्मिक आयोजन, मांगलिक कार्य, सामाजिक कार्यक्रम बंद होने से मण्डियां बंद है।