आमेर उपखंड अधिकारी लक्ष्मीकांत कटारा ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर निम्स यूनिवर्सिटी में क्वारेंटाइन सेेंटर बनाया गया है, हालांकि यहां अभी किसी भी मरीज को रखा नहीं गया है, लेकिन जरूरत पडऩे पर पहले से ही मरीजों को रखने के लिए तैयार किया जाना है। एसडीएम सहित आमेर तहसीलदार जगदीश प्रसाद आसियां, नायब तहसीलदार सुभाष सैपट, चिताणु हल्का पटवारी रमेश यादव, सिरोही व बीलपुर हल्का पटवारी पवन कुमार सहित अन्य कर्मचारियों ने निम्स में बनाए जा रहे सेंटर का अवलोकन किया और तैयारियों की जानकारी ली।
जानकारी के अनुसार एयरपोर्ट से सीधे कोरोना संदिग्धों को यहां लाया जाएगा और चिकित्सकों की विशेष निगरानी में रखा जाएगा, हालांकि जयपुर में राजस्थान हैल्थ यूनिवर्सिटी (आरयूएचएस), लिबर्टी अस्पताल व जेएनयू मेडिकल कॉलेज में भी पृथक सेंटर बनाए गए हैं। वहां जगह नहीं मिलने की स्थिति में ही संदिग्धों को यहां लाया जाएगा। यहां लाए जाने वाले मरीजों के लिए उपयोग में किए गए वाहनों को भी सेनिटाइजेशन किया जाएगा और आने जाने के लिए आरटीओ व पुलिस को भी सहायता के लिए पाबंद किया गया है।
जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर निम्स अस्पताल में कोरोना संदिग्धों को रखने के लिए बनाए गए सेंटर को लेकर स्थानीय लोगों में रोष है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां निम्स के पास जुगलपुरा, कुशलपुरा, राजपुरा व चिताणु गांव बसे हुए हैं। दिनभर ग्रामीण यूनिवर्सिटी में मजदूरी करते हैं तथा दुकानों में काम कर जीवनयापन करते हैं। ऐसे में ग्रामीणों में संक्रमण की आशंका बढ़ जाएगी।
– निम्स अस्पताल में मरीजों को रखने के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया हैं। अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड भी बनाया हुआ है, सेंटर में अभी मरीज नहीं रखे जाएंगे, लेकिन जरूरत पडऩे पर यहां शिफ्ट किया जा सकता है। आज तैयारियों की जानकारी ली गई है।
एलके कटारा, उपखंड अधिकारी आमेर
बी आर मीणा, प्रबंध प्रभारी, निम्स अस्पताल एवं मेडीकल कॉलेज