कस्बे के समीपवर्ती ग्राम मण्डूस्या की ढाणी कांकड़ वाली निवासी धुणा राम गुर्जर पुत्र ग्यारसी लाल गुर्जर मुंबई में मजदूरी करता था। लॉक डाउन के बाद वह जैसे तैसे विकट हालातों का सामना करते हुए 7 मई को अपने गांव आया। गांव आने के बाद उसने स्वयं के व परिजनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकारी एडवाजरी की पूर्णतया पालना करते हुए घर न जाकर अपने खेत में बने निर्माणाधिन घर में खुद को 21 दिन तक हेाम क्वारंटीन रखा।
क्वारंटीन का समय बिताने के बाद जब वह परिजनों के बीच घर आया तो उसकी और परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। वहीं, घर आने पर उसकी भतीजी पायल गुर्जर व भतीजे लक् की गुर्जर ने तिलक लगाकर उसका स्वागत किया।
इसके अलावा बाहरी प्रदेशों से आए कई मजदूर अपने घर आकर भी संक्रमण के खतरे से बचाव के लिए अपनों से दूर रह रहे हैं। कोई ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सरकारी स्कूल में क्वारंटीन है तो कोई अन्य केन्द्रों में क्वारंटीन है।
मैड़ के पास कूकडेला निवासी कोरोना पॉजिटिव आई एक महिला ने भी उपचार के बाद सही होने के बावजूद अभी तक स्वयं को अपनों से दूर खेत में क्वारंटीन कर रखा है। महिला खेत पर बने कच्चे घर में रह रही है। उसी कच्चे घर में उसके पति ने भी 14 दिन खुद को क्वारंटीन रखा था। उल्लेखनीय है कि पॉजिटिव बेटी के संपर्क में आने से महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिसका एसएमएस में उपचार चलने पर वह ठीक हो गई। अब घर आकर भी अभी तक परिजनों से दूर रह रही है।