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#CoronaKarmveer: न चैन से खाना न सुकून की नींद,ताईजी के अंतिम संस्कार में नहीं हुआ शामिल

locationबस्सीPublished: Apr 09, 2020 04:10:45 pm

Submitted by:

vinod sharma

रामपुरावास का बनवारी चित्तौडग़ढ़ में दे रहा सेवा

#CoronaKarmveer: न चैन से खाना न सुकून की नींद,ताईजी के अंतिम संस्कार में नहीं हुआ शामिल

#CoronaKarmveer: न चैन से खाना न सुकून की नींद,ताईजी के अंतिम संस्कार में नहीं हुआ शामिल

देवगांव (जयपुर). न खाना चैन से खा पा रहे न सुकून से नींद ले पा रहे हैं। कब कॉल आ जाए और भागना पड़े, इसका कोई पता नहीं। यह स्थिति है कोरोना से जंग लड़ रहे चित्तौडग़ढ़ जिले में कोरोना योद्धाओं की टीम में शामिल डॉ. बनवारी लाल बैरवा की।
महामारी के दौर में दिन-रात सेवा….
बस्सी तहसील के ग्राम रामपुरावास देवगांव निवासी रामसहाय बैरवा के पुत्र चित्तौडग़ढ़ के एमपी बिरला चिकित्सालय में सेवारत चिकित्सक डॉ. बैरवा को कोरोना कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रदेश में कदम रखने के दिन से ही संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग में लगे हुए है। महामारी के दौर में दिन-रात सेवाएं देते हुए उनको 18 दिन से अधिक समय हो गया है। डॉ. बैरवा ने बताया कि 4 दिन पूर्व में ग्राम रामपुरावास में ताईजी के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुआ। उन्होंने घरवालों से माफी मांगते हुए अस्पताल में सेवाएं देने की बात कही।
मरीजों का ज्यादा दबाव….
पिछले 10 दिन से दूसरे प्रदेशों तथा शहरों से लोगों के एक साथ आने से स्क्रीनिंग का दबाव बढ़ा है। इसके अलावा क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती सदस्यों की लगातार जांच करने जाना होता है। हालत यह है कि एक मरीज को देखकर आते हैं तब तक दूसरे की सूचना आ जाती है। कई बार खाना खाने या सोने के बीच फोन आने पर भी जाना पड़ता है।
माता-पिता से ढंग से नहीं हुई बात….
उन्होंने बताया कि पिछले एक सप्ताह से माता-पिता से सही प्रकार से बात भी नहीं हो पा रही है। इन तमाम परेशानी में ड्यूटी से सेवा करने का अवसर पाकर खुश है। स्क्रीनिंग के दौरान संदिग्ध से संक्रमित (COVID-19) होने का डर बना रहता है। इसके लिए सावधानी बरतते हैं। इसके बाद फिर सेवा में जुट जाते हैैं।
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