ढाणी के लोगों ने किया था प्रदर्शन
आसपास की ढाणी के लोगों ने पानी निकासी की मांग को लेकर 23 जनवरी को एसडीएम के नाम तहसीलदार को ज्ञापन दिया। इसके बाद 30 जनवरी को एसडीएम कार्यालय में धरना देकर समस्या समाधान को लेकर संघर्ष समिति गठित की। सदस्यों ने 3 फरवरी को पंचायत समिति कार्यालय में हुई ब्लॉक अधिकारियों की बैठक में समस्या बताई तो एसडीएम व पालिका अधिशासी अधिकारी ने समाधान का भरोसा दिया था। इसके बाद पालिका प्रशासन ने पानी निकासी के लिए दो पंप सेट व पाइप खरीदने की निविदा जारी की थी। जुलाई में बारिश होने से जोहड़ की दीवार टूटने से खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई थीं।
आसपास की ढाणी के लोगों ने पानी निकासी की मांग को लेकर 23 जनवरी को एसडीएम के नाम तहसीलदार को ज्ञापन दिया। इसके बाद 30 जनवरी को एसडीएम कार्यालय में धरना देकर समस्या समाधान को लेकर संघर्ष समिति गठित की। सदस्यों ने 3 फरवरी को पंचायत समिति कार्यालय में हुई ब्लॉक अधिकारियों की बैठक में समस्या बताई तो एसडीएम व पालिका अधिशासी अधिकारी ने समाधान का भरोसा दिया था। इसके बाद पालिका प्रशासन ने पानी निकासी के लिए दो पंप सेट व पाइप खरीदने की निविदा जारी की थी। जुलाई में बारिश होने से जोहड़ की दीवार टूटने से खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई थीं।
जनप्रतिनिधि मौन
निर्वाचित विधायक के राज्यमंत्री बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि अब इस समस्या का स्थायी समाधान होगा। दिसंबर में पानी सड़क पर बहने की शिकायतों के बाद मंत्री ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया था और अधिकारियों को पंप लगाकर पानी निकासी के आदेश दिए थे, लेकिन सब ख्याली पुलाव साबित हो रहे हैं।
सीवरेज ही समाधान
पानी निकासी का समाधान सीवरेज लाइन से संभव है, लेकिन सीवरेज नहीं होने तक पानी निकासी गोपालपुरा सोता नदी में जा सकता है। जोहड़ से पाइप डालकर निकासी की जा सकती है। राजमार्ग के सहारे नाले में निकाला जा सकता है।
निर्वाचित विधायक के राज्यमंत्री बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि अब इस समस्या का स्थायी समाधान होगा। दिसंबर में पानी सड़क पर बहने की शिकायतों के बाद मंत्री ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया था और अधिकारियों को पंप लगाकर पानी निकासी के आदेश दिए थे, लेकिन सब ख्याली पुलाव साबित हो रहे हैं।
सीवरेज ही समाधान
पानी निकासी का समाधान सीवरेज लाइन से संभव है, लेकिन सीवरेज नहीं होने तक पानी निकासी गोपालपुरा सोता नदी में जा सकता है। जोहड़ से पाइप डालकर निकासी की जा सकती है। राजमार्ग के सहारे नाले में निकाला जा सकता है।
पानी निकालने के दावे खोखले
लोगों के प्रदर्शन के बाद नपा ने टेंडर निकाल कर पंप सेट व पाइप खरीदे। टै्रक्टर पर सेट लगा कर 4 इंच मोटे पाइप से पानी निकालने का दावा किया, लेकिन पंप कितने दिन व कितने घंटे चले और कितना पानी निकला इसका जवाब पालिका प्रशासन के पास नहीं है। इटली जोहड़ से पानी निकाल कर गूमका का जोहड़ में छोड़ा जाना था, लेकिन जिम्मेदार सेट लगाकर कर्मचारियों के भरोसे बैठ गए। हालात ये रहे कि लाखों रुपए खर्च करने के बाद जोहड़ में पानी कम नहीं हुआ।
लोगों के प्रदर्शन के बाद नपा ने टेंडर निकाल कर पंप सेट व पाइप खरीदे। टै्रक्टर पर सेट लगा कर 4 इंच मोटे पाइप से पानी निकालने का दावा किया, लेकिन पंप कितने दिन व कितने घंटे चले और कितना पानी निकला इसका जवाब पालिका प्रशासन के पास नहीं है। इटली जोहड़ से पानी निकाल कर गूमका का जोहड़ में छोड़ा जाना था, लेकिन जिम्मेदार सेट लगाकर कर्मचारियों के भरोसे बैठ गए। हालात ये रहे कि लाखों रुपए खर्च करने के बाद जोहड़ में पानी कम नहीं हुआ।
इनका कहना
ट्रेैक्टर पर लगे पंप सेट हटाकर इसके स्थान पर ४ इंच का बड़ा पंप लगाकर पानी निकासी की जाएगी। पालिका प्रशासन ने बड़ा पंप खरीदा है। एक दो दिन में मौके पर स्थापित कर दिया जाएगा। फिर समस्या नहीं होगी।
विशाल यादव, ईओ नगरपालिका कोटपूतली
ट्रेैक्टर पर लगे पंप सेट हटाकर इसके स्थान पर ४ इंच का बड़ा पंप लगाकर पानी निकासी की जाएगी। पालिका प्रशासन ने बड़ा पंप खरीदा है। एक दो दिन में मौके पर स्थापित कर दिया जाएगा। फिर समस्या नहीं होगी।
विशाल यादव, ईओ नगरपालिका कोटपूतली