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पौते को बचाने के फेर में तीन पीढ़ी डूबी

locationबस्सीPublished: Aug 22, 2018 11:04:18 pm

Submitted by:

Surendra

डूबने से मौत कोटखावदा तहसील के बडोदिया की घटना, तलाई में भैंसे झगडऩे पर निकालने उतरा था सुनिल

Death due to drowning

पौते को बचाने के फेर में तीन पीढी डूबी

कोटखावदा. ग्राम पंचायत बडोदिया में बुधवार को तलाई में डूबने बालक को बचाने के फेर में पहले दादी फिर चाची भी डूब गई। हादसे में एक ही परिवार के ही तीनों लोगों की मौत से पीडि़त परिवार के घर में कोहराम मच गया।
जानकारी के अनुसार यहां गांव के साठ बीघा की ढाणी के पास दोपहर में लोग पशु चरा रहे थे। वहीं सुनील बैरवा (14) पुत्र पूरण भी अपनी दादी शान्ति देवी बैरवा(59) पत्नी गोविन्द राम बैरवा और चाची सुगना देवी(30)पत्नी हरिश बैरवा के साथ भैंसे चरा रहे थे। भैंसे तलाई में पानी पीने के बाद अचानक झगडऩे लग गई, तभी झगड़ रही भैंसों को निकालने के लिए सुनील तलाई में ऊतरा और दल-दल में पैर फिसलने से वह गहरे पानी में चला गया। पौते को पानी में डूबते देख दादी शान्ति देवी और चाची सुगना देवी भी तलाई की ओर दौड़ी ओर बचाने के लिए तलाई के पानी में ऊतर गई और देखते ही देखते सुनील को बचाते हुए दोनों भी डूब गई। तीनों के ही नहीं दिखने पर आसपास पशु चरा रहे लोग तलाई की ओर दौड़े। कुछ दिखाई नहीं देने पर लोगों में चिख पुकार मच गई और मदद् के लिए दौडऩे लगे। ऐसे में पास ही अपने जानवर चरा रहा मन्नालाल मीणा और अन्य लोग तलाई के पानी में ऊतर गए और उनको रस्सी के सहारे बहार निकाला, लेकिन तब तक तीनों दम तोड़ चुके थे। सूचना पर कोटखावदा थानाधिकारी कन्हैयालाल छाबड़ी पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी लेकर शवों को पुलिस की गाड़ी और एम्बुलेंस 108 से चाकसू अस्पताल लेकर पहुंचे और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए। इस दौरान गरूडवासी सरपंच कैलाश चौधरी, मोतीलाल मीना ने शव तलाई से शव निकालने में मदद की। अस्पताल में बडोदिया सरपंच रामकिशोर गुर्जर भी पहुंचे।
ईद की छुट्टी के कारण साथ चला गया सुनील

यहां घटना के बाद मृतक सुनील की मां सज्जन देवी बार-बार बेहोश होती रही और कहां गया मेरा लाल सुनील। उसे लेकर आओ कहकर बेसुध हो जाती। आसपास के लोगों ने पीडि़त परिवारजनों को ढाढंस बंधाया। परिवारजनों ने बताया कि सुनील बडोदिया के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 8 वीं में अध्ययनरत है। आज ईद की स्कूल में छुट्टी होने के कारण सुनील पशु चराने साथ चला गया था।
चाची के है मासूम बेटियां

ग्रामीणों ने बताया कि भतीजे को बचाने के फेर में डूबी चाची सुगना देवी पत्नी हरिश के 3 व 6 वर्ष की दो मासूम बालिकाएं व एक 12 साल का लड़का है। छोटी बच्चियों को मां का साया उठने का ही पता नहीं है। ऐसे में बच्चों के लालन-पालन को लेकर भी लोगों में चर्चाए रही। ढाणी में मृतक सुनील के पिता पूरण मजदूरी का काम करते हैं। सुनील के एक 19 वर्षीय बड़ा भाई और 13 वर्षीय छोटी बहन है।
खराब रास्ते के कारण नहीं पहुंची एम्बुलेंस

यहां ढाणी तक बडोदिया से जाने वाला रास्ता खस्ताहाल और कीचड़ भरा होने के कारण एम्बुलेंस 108 तलाई तक नहीं पहुंच सकी। इससे शवों को पुलिस गाड़ी में बडोदिया सड़क मार्ग पर लाकर एम्बुलेंस के जरिए चाकसू अस्पताल पहुंचाया।
अवैध रूप से मिट्टी उठाने का भी उठा मुद्दा

यहां लोगों ने बताया कि कई लोंगों द्वारा जेसीबी से तलाई से अवैध रूप से मिट्टी निकालने से गहराई अधिक हो गई है। ऐसे मेंं गहराई का लोगों पता नहीं होने से हादसों को न्योता मिल रहा है। इस मामले में सरपंच रामकिशोर गुर्जर ने बताया कि अभी तक मेरे कार्यकाल में तो कोई अवैध रूप से मिट्टी नहीं निकाली गई है। पहले की मुझे जानकारी नहीं है।
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