scriptजोर पकडऩे लगी है पदनाम परिवर्तन की मांग | Demand for change in designation is gaining momentum | Patrika News

जोर पकडऩे लगी है पदनाम परिवर्तन की मांग

locationबस्सीPublished: Nov 29, 2020 05:21:23 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

पशुधन सहायक संवर्ग के पदनाम में हो बदलावपांच हजार से अधिक कार्मिकों ने लिखा पत्र200 से अधिक जनप्रतिनिधियों ने की अभिशंषाकार्मिकों ने दी आंदोलन की चेतावनी

जोर पकडऩे लगी है पदनाम परिवर्तन की मांग

जोर पकडऩे लगी है पदनाम परिवर्तन की मांग


पशुचिकित्सा तकनीकी कर्मचारी संघ बैनर तले प्रदेश के आठ हजार कर्मचारी अपने पदनाम परिर्वतन की मांग कर रहे हैं। इन कार्मिकों की ओर से इस संबंध में पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया, विभाग के निदेशक सहित विभिन्न अधिकारियों को ज्ञापन दिया गया है साथ ही मांग पूरी नहीं किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है। गौरतलब है कि लंबे समय से विभाग के कार्मिक अपने पदनाम में बदलाव किए जाने की मांग कर रहे हैं। विभागीय अधिकारी कई बार इसे लेकर बैठक बुलाते हैं लेकिन फिर उसे स्थगित कर दिया जाता है। गत 13 अगस्त को भी इस संबंध में बैठक बुलाई गई थी जिसे शुरू होने से पहले ही स्थगित कर दिया गया। पशुचिकित्सा तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष बनवारी लाल बुनकर का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पशुपालन शासन सचिव को पत्र लिखकर पशुधन सहायक संवर्ग पदनाम पर त्वरित कार्यवाही करने के आदेश भी किए हैं लेकिन विभाग के अधिकारी फिर भी इस पर कोई संज्ञान नहीं ले रहे हैं, ऐसे में पशुधन सहायक कर्मचारियों में आक्रोश पैदा हो चुका है।
218 जनप्रतिनिधियों ने दी अनुंशसा
गौरतलब है कि पशुपालन विभाग में कार्यरत इन कार्मिकों की मांगों को वाजिब मानते हुए अब तक प्रदेश के कुल २१८ जनप्रतिनिधियों ने अभिशंषा की है और ५६१८ कर्मचारियों ने पदनाम परिवर्तन के संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पशु पालन मंत्री लालचंद कटारिया, शासन सचिव डॉ. आरुषि मलिक और पशुपालन निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह को ज्ञापन दिया है।
यह हैं वर्तमान नाम प्रस्तावित नाम
पशुधन सहायक पशुधन विकास अधिकारी
पशु चिकित्सा सहायक वरिष्ठ पशुधन विकास अधिकारी
सहायक सूचना अधिकारी पशुपालन सूचना अधिकारी
नहीं पड़ेगा वित्तीय भार
पशुधन सहायक संवर्ग पशुपालन विभाग की समस्त योजनाओं का संचालन करने की मुख्य कड़ी हैं। कोविड १९ के बाद भी पशुधन सहायक कार्मिक राष्ट्रीय योजना खुरपका मुंहपका अभियान को सफल करने में जुटे रहे। इन कार्मिकों का कहना है इसके बाद भी उन्हें पशुधन सहायक नाम में सहायक शब्द के कारण उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है, उन्हें चुनाव ड्यूटी में चपरासी की जगह बैठाया जाता है। इससे पूर्व सरकार ग्रामसेवक और लिपिक संवर्ग के पदनाम परिवर्तित कर चुकी है। जिनके पदनाम परिवर्तन से पूर्व में ग्रेड पे २४०० रुपए ही थी और आज भी वहीं है। जबकि पशुधन सहायक संवर्ग की ग्रेड पे २८०० रुपए है , ऐसे में यदि पदनाम में बदलाव भी किया जाता है तो सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।
इनका कहना है,
कार्मिकों की पदनाम परिवर्तन की मांग विभाग के पास आई थी, विभाग ने वित्त विभाग को फाइल भेजी है।
डॉ. वीरेंद्र सिंह, निदेशक
पशुपालन विभाग।
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