इस दौरान यमुना नदी जल लाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष परमानन्द पलसानिया के नेतृत्व में समिति के लोगों ने एसडीएम के प्रतिनिधि को ज्ञापन दिया और इलाके को नदी से जोडऩे की मांग की। ताकि क्षेत्र फिर से खुशहाल हो सके। इस अवसर पर संषर्घ समिति के प्रवक्ता रामलाल जाट, संरक्षक मोहनलाल सैनी, खेमचंद यादव, सचिव गोपीराम ढबास, भागीरथ गठाला, केदार मल टांक, प्रभूदयाल बुनकर, खेमचंद रेंजर, रामसिंह लील, सुरजभान पलसानिया, लक्ष्मण पुनिया, सुशील कुमार शर्मा, छाजूराम सैनी, दामोदर, पुरणमल, अमन शर्मा, अमरचंद कपूरिया सहित क्षेत्रवासियों ने कहा कि बारिश की कमी से इलाका रेगिस्तान की तरह से सूखा पड़ा है।
जयपुर की लाइफ लाइन जमवारामगढ़ बांध, शाहपुरा क्षेत्र का जवानपुरा धाबाई बांध, जमदेई बांध, पावटा का बूचारा बांध सहित इलाके के बांध वर्षों से सूखे पड़े हैं। क्षेत्र में पीने के लिए पानी का भी संकट उत्पन्न होता जा रहा है। सिंचाई के लिए पानी के अभाव में शाहपुरा में तो खेती लगभग बंद हो गई है। ऐसे में दिनोंदिन हालात विकट होते जा रहे हैं। यहीं हाल विराटनगर, पावटा, कोटपूतली, जमवारामगढ़, आमेर सहित आसपास की तहसीलों के हैं।
इसलिए जयपुर ग्रामीण क्षेत्र की उक्त तहसीलों के बाशिन्दों की मांग है कि सरकार नांगल चौधरी हरियाणा से लिफ्ट नहर के जरिए 55 किमी गढ़टकनेत सीकर तक यमुना नदी का पानी ला सकती है। इसके बाद गढ़टकनेत इलाके का सबसे ऊंचा पॉइंट होने से नदियों के प्राकृतिक बहाव के जरिये कम बजट में ही राजस्थान के जयपुर ग्रामीण इलाके में यमुना नदी का पानी लाया जा सकता है। इससे क्षेत्र की पेयजल के साथ ही सिंचाई की समस्या भी दूर हो सकती है और क्षेत्र फिर से खुशहाल हो सकता है। बांधों तक पानी पहुंचने से क्षेत्र का जल स्तर भी बढ़ेगा।