संतों के साथ मन्दिर में भक्तों ने भी भगवान ठाकुर जी महाराज को झूला झुलाकर व धोक लगाकर आशीर्वाद लिया तथा खुशहाली की कामना की।
झूला महोत्सव में श्रद्धालुओं ने ठाकुर जी व संत रामरिछपाल दास महाराज के धोक लगाकर खुशहाली की कामना की।
भजनों की प्रस्तुति ने किया मंत्रमुग्ध मन्दिर में झूला महोत्सव में गायक कलाकारों ने सावन का आया महिना, झूले राधा नन्द किशोर, झूला तो पड़ गए अम्बुआ की डाल पर, झूला झूले रे बनवारी आगी सावन की रमझोल, त्रिवेणी के तट पर झूले मनमोहन घनश्याम सहित अन्य भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। झूला महोत्सव में आयोजित भजनों पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया।
इस दौरान कथा वाचक ने अघासुर का उद्धार, ब्रह्मा जी का मोह, कालिया मर्दन, वेणु गीत चीर हरण और अंत में गिरिराज पूजन की कथा को बड़े ही भावविभोर होकर वर्णित किया। जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। संगीतमय कथा सुनकर श्रद्धालु भी नाच उठे।
कथा के दौरान भगवान भोलेनाथ की सजीव झांकी, माखन चोरी की लीला व गिरिराज महाराज की सजीव झांकी सजाई गई। झांकियां आकर्षण का केन्द्र रही। भागवत कथा में देवन, बड़ोदिया, शाहपुरा, माधव का बास, लोबड़ावास सहित दूर- दूर से भक्तगण आ रहे हैं ।