डीआईजी जयपाल दोपहर को ३ बजे शहीद मुकेश कुमार के घर पहुंचे और करीब डेढ़ घंटे से अधिक समय तक वहां रुके। इस दौरान एएसआई राजेंद्र सिंह, गंगाराम, एसआई प्यारेलाल व अन्य अधिकारी भी साथ थे।
डीआईजी व अन्य पुलिसकर्मियों ने यहां कोबरा बटालियन के शहीद मुकेश कुमार बुनकर की समाधि स्थल पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए शहीद को नमन किया। इसके बाद शहीद के पिता सरपंच रामसहाय बुनकर, मां कमला देवी, शहीद की पत्नी वीरांगना बीना देवी, पुत्र बृजेश जेवरिया, बेटी मोनिका, ममता, रिषिका, भाई विकास सहित सभी परिजनों का शॉल व श्रीफल भेंट कर सम्मान किया।
परिजनों से शहीद को मिलने वाली सहायता की जानकारी ली और हर संभव मदद का भरोसा दिया। इस बीच उन्होंने शहीद के परिजनों के साथ भोजन भी किया। सामाजिक कार्यकर्ता पूरणमल बुनकर ने बताया कि शहीद मुकेश कुमार बुनकर वर्ष 2012 में झारखंड में नक्सलियों के विरुद्ध चलाए गए ऑपरेशन पैंथर में मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए थे।
जिस पर 2014 में अदम्य साहस पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा पुलिस वीरता पदक से सम्मानित भी किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता पूरणमल ने डीआईजी से शहीद के नाम पर सरकारी विद्यालय का नामकरण करने, शहीद परिवार को पूरी वित्तीय सहायता व अन्य सुविधाएं भी दिलाने की मांग की।
जिस पर डीजीपी जयपाल ने शीघ्र निराकरण करने का आश्वासन दिया। डीआईजी जयपाल ने परिवार के साथ भोजन कर बच्चों की शिक्षा व विषयों पर चर्चा की। इस दौरान उपसरपंच सुगाराम, बाबूलाल बुनकर, गुल्ला राम, बालुसहाय, सूरजमल जाट, भैंरू राम जाट, राजेन्द्र बुनकर सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे।