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तारबंदी, पौध संरक्षण उपकरण और सिंचाई पाइप लाइन में पिछड़ा कृषि विभाग

locationबस्सीPublished: Aug 08, 2018 11:24:57 pm

Submitted by:

Surendra

बस्सी के ढिंढोल में हुई कृषि अधिकारियों की बैठक

District level review meeting of agricultural officers

तारबंदी, पौध संरक्षण उपकरण और सिंचाई पाइप लाइन में पिछड़ा कृषि विभाग

बस्सी . कार्यालय कृषि उपनिदेशक द्वारा जयपुर जिले में वर्ष 2018-19 में 36000 रनिंग मीटर एरिया में तारबंदी का लक्ष्य रखा गया है, जो 8 माह बाद भी शून्य है। वहीं पौध संरक्षण (उपकरण) में 1956 का लक्ष्य है, जो अब तक 540 तक पहुंचा है। सिंचाई (पाइपलाइन) में 427 किलोमीटर का लक्ष्य भी फिलहाल 100 किमी ही पूरा हो पाया है। इसी तरह जिप्सम वितरण, कृषि यंत्र आदि में भी लक्ष्य आधे से ज्यादा अधूरा है। बुधवार को आयोजित कृषि अधिकारियों की जिला स्तरीय समीक्षात्मक बैठक में यह आंकड़े सामने आए। राज्य सरकार के कृषि विभाग और कार्यालय उपनिदेशक कृषि (विस्तार) की ओर से बस्सी के ढिंढोल स्थित राजस्थान ओलिव कल्टीवेशन लिमिटेड फार्म के सभागार में हुई बैठक में जिले के विभिन्न ब्लॉकों से आए 300 से अधिक लोग शामिल हुए।
बैठक को जिला प्रमुख मूलचंद मीणा, उपजिला प्रमुख मोहललाल शर्मा, जिला पार्षद बस्सी बेनीप्रसाद कटारिया, नेता प्रतिपक्ष जिला परिषद मोहन डागर, जिला परिषद सदस्य श्रीराम सारण, केदार सदस्य, शंकरलाल नारोलिया, संयुक्त निदेशक कृषि विभाग रामलाल मीणा, उपनिदेशक कृषि (विस्तार) राकेश कुमार अटल, कृषि अनुसंधान अधिकारी (शस्य) विनोद कुमार, राजस्थान ओलिव कल्टीवेशन लिमिटेड फार्म के सीईओ योगेश वर्मा आदि कई अधिकारियों ने संबोधित किया।
वर्षा ने बिगाड़े लक्ष्य

बैठक में शाहपुरा, सांगानेर और झोटवाड़ा कृषि विस्तार केन्द्र की ओर से अपने-अपने आंकडे रखे गए। ऐसे में जिले के तीनों केन्द्रों की ओर से दिए गए प्रजेंटेशन में वर्षा की कमी से लक्ष्य पूरे नहीं होने की बात कही गई। साथ ही कम वर्षा जल में भी कृषि उत्पादकता बढ़ाने के सुझाव दिए। इसमें शाहपुरा के कृषि विस्तार केन्द्र के सहायक निदेशक गिरधर सिंह देवल ने बताया कि उनके कार्य क्षेत्र में आने वाले जमवारामगढ़, कोटपूतली, पावटा, विराटनगर और शाहपुरा में से सबसे ज्यादा खराब स्थिति जमवारामगढ़ की है। यहां 1 लाख 30 हजार हैक्टेयर में खरीफ की बुबाई की जा चुकी है। इसमें 80 प्रतिशत क्षेत्र में बाजरा है। यहां पिलहाल 200 एमएम बारिश हुई है, जो काफी कम है। इसके अलावा पांचों ब्लॉक में 5 लाख 97 हजार हैक्टेयर में खरीफ की बुवाई की गई है। लक्ष्य का 97 प्रतिशत बुबाई क्षेत्र पूरा हो चुका है। यहां 525 एमएम रेन फॉल होता है, जो अब तक 305 एमएम पहुंच चुका है।
फसल प्रदर्शन और बीज मिनिकेट की जानकारी दी

कृषि अधिकारियों ने बैठक में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों से किसान और विभाग के बीच में समन्वयक बनने की बात कही। कृषि विभाग द्वारा संचालित कृषि वानिकी सब मिशन में कृषकोंं को प्रेरित करके खेत की मेड पर और कृषि भूमि में अधिकाधिक फल, छायादार, चारे वाले वृक्षों के पौधे के लिए कहा। कृषि अनुसंधान अधिकारी विनोद कुमार ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के जरिए खरीफ की फसलों के बिजाई क्षेत्रफल, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत निर्मित फार्म पॉन्ड, जलहौज, फसल प्रदर्शन और बीज मिनिकेट की जानकारी दी।
योजनाओं को लेकर जिले का रिपोर्ट कार्ड

गतिविधि/कार्यक्रम 2018-19 के लक्ष्य 6 अगस्त तक की प्रगति

सिंचाई पाइपलाइन 427 किमी 100 किमी
मृदा स्वास्थ्य कार्ड 140364 नमूना संख्या 142000
जिप्सम वितरण 10000 टन 800
फसल प्रदर्शन 4901 हेक्टेयर 4600
(खरीफ 2018)
बीज मिनिकेट 12100 12100
(खरीफ 2018)
पौध संरक्षण (उपकरण) 1956 540
कृषि यंत्र 100 40
तारबंदी 63000 रनिंग मीटर –
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