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चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध, एसडीएम को ज्ञापन

locationबस्सीPublished: Jun 14, 2019 08:45:57 pm

-राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन -रैली के रुप में उपखण्ड कार्यालय पहुंचे चिकित्साकर्मी

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चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध, एसडीएम को ज्ञापन

शाहपुरा.
एनआरएस मेडिकल कॉलेज कोलकाता में चिकित्सकों के साथ हिंसक घटना के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर कस्बे के निजी व राजकीय अस्पताल के चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टॉफ ने उपखण्ड कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। करीब एक घंटे का ओपीडी सेवाएं स्थगित रखकर रैली के रुप में उपखण्ड कार्यालय पहुंचे और राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम नरेन्द्र कुमार मीणा को ज्ञापन सौंपा। चिकित्सकों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर घटना का विरोध जताया और आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन शाखा शाहपुरा के अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र श्रीया व सचिव डॉ. रजनीश शर्मा ने कहा कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज कोलकाता में चिकित्सकों के साथ इस घटना से देश के चिकित्सकों में आक्रोश है। चिकित्सक मरीजों की सेवा को अपना परम कर्तव्य मानकर उपचार करता है। ऐसे में आम जनता को भी चिकित्सकों के साथ प्रतिशोध की भाव नहीं रख कर सहयोगात्मक रवैया अपनाना चाहिए। उन्होंने सरकार से चिकित्सकों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।
डॉ. महेश कुमार मौर्य व डॉ. ओम प्रकाश भदालिया ने कहा कि चिकित्सकों के साथ मारपीट को गंभीरता से लेते हुए कठोर कदम उठाना होगा। तभी इस प्रकार की घटनाओं पर नियंत्रण लग सकेगा। डॉ. कानन शर्मा ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं पर कठोर कार्रवाई के लिए ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कि केन्द्र व राज्य इकाई ने गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रव्यापी विरोध करने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर डॉ. भोमराज कुमावत, डॉ. यशवंत डॉ. एमएन कलवानिया, डॉ. संजय शेखावत, डॉ. सूरज नेहरा सहित कई चिकित्सक एवं नर्सिंगकर्मी मौजूद थे।(का.सं.)
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सुरक्षा कानून बनाने की मांग
कस्बे के राजकीय अस्पताल प्रभारी एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र खाडिया ने कहा की एनआरएस मेडिकल कॉलेज कोलकाता हिंसक वारदात के दोषियों के विरुद्ध हिंसा पर राष्ट्रीय चिकित्सक, चिकित्सा कर्मी व संस्था सुरक्षा कानून बनाए जाना चाहिए। ताकि चिकित्सकों चिकित्सक व चिकित्सा कर्मी भयमुक्त वातावरण में अपनी सेवाएं दे के। डॉ. सुरेन्द्र मोहन व डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि वर्तमान में चिकित्सकों के साथ बिना किसी कारण के हिंसक घटनाए और राजकीय व निजी चिकित्सा संस्थानों में तोडफ़ोड़ व मारपीट आम बात हो गई है। जिससे चिकित्सकों में भय व असुरक्षा का वातावरण बना हुआ है। इससे मरीजों के उपचार में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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