scriptकायदे में रहेगा फायदा और जेब भी नहीं करनी पड़ेगी ढीली…don’t break the rules | don't break the rules | Patrika News

कायदे में रहेगा फायदा और जेब भी नहीं करनी पड़ेगी ढीली…don’t break the rules

locationबस्सीPublished: Jan 06, 2020 09:18:10 pm

Submitted by:

Arun sharma

 
जयपुर-दिल्ली हाइवे का है मामला

कायदे में रहेगा फायदा और जेब भी नहीं करनी पड़ेगी ढीली...don't break the rules

कायदे में रहेगा फायदा और जेब भी नहीं करनी पड़ेगी ढीली…don’t break the rules

आंतेला. कानों में लगे ईयरफोन, हवा में बात करते बेधड़क दौड़ाते दुपहिया वाहन। यातायात पुलिस की ढिलाई के कारण दुपहिया वाहन चालक खुलेआम नियमों को दत्ता साबित कर रहे हंै। बावजूद यातायात पुलिस प्रशासन भी ठोस कार्रवाई से कतरा रहा है। ऐसा ही कुछ नजारा क्षेत्र में हाइवे सहित संपर्क सड़कों और बस स्टैंड पर देखने को मिल रहा है। इलाके में दुपहिया व चार पहिया वाहन चलाते समय ईयरफोन लगाकर मोबाइल पर बात करते रफ्तार से वाहन चलाने वालों की तादात दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इससे आए दिन हादसे हो रहे हैं। हालांकि जिम्मेदार पुलिस रोजाना चैकिंग के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर लेती है। जिससे चालान काटने के सिवा अब तक कोई खास परिणाम नहीं मिल पाया। जानकारी के अनुसार इलाके में प्रदेश के अत्यधिक व्यस्तम जयपुर-दिल्ली राजमार्ग समेत गली, चौराहों पर ऐसे लापरवाह कई वाहन चालकों को देखा जा सकता है। वाहन चालकों का ध्यान मोबाइल पर बातों में होने से पीछे से बजने वाले वाहनों के हॉर्न तक सुनाई नहीं देता है। इधर यातायात पुलिस ने अब नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ सख्ती बरतने की बात कही है।
गति मापने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं
यातायात पुलिस के पास वाहनों की गति नापने के लिए पर्याप्त साधन नहीं है। इलाके में एक इंटरसेप्टर है जो शाहपुरा, विराटनगर, कोटपूतली इलाके में नेशनल हाईवे पर कभी कभार ही नजर आती है। ऐसे में ग्रामीण आबादी क्षेत्र में वाहनों की तेज गति पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इलाके में संपर्क सड़कों पर कहीं पर भी गति सीमा दर्शाने वाले संकेतक बोर्ड नहीं है।
नाबालिग नियमों की उड़ा रहे धज्जियां
क्षेत्र में नाबालिग कभी बेतरतीब ढंग से तो कभी तेज गति से बाइक चलाते खुलेआम यातायाम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वे बिना हेलमेट के बाइक चलाना, तीन से अधिक संवारियां बिठाकर बाइक तेज रफ्तार से दुपहिया वाहन चलाना उनका शगल बन चुका है। कम उम्र के बच्चों को तेज रफ्तार से वाहन चलाने से जिम्मेदार पुलिस रोकती है ना ही परिजन।
साईलेंस जोन का पता नहीं चल पाता
कागजो में स्कूलों, कॉलेजों के पास साइलेंस जोन का प्रावधान है। बावजूद क्षेत्र में साइलेंस संबंधी कहीं पर भी कोई सूचना बोर्ड व संकेतक लगा हुआ नहीं है। ऐसे में प्रशासन की अनदेखी से साइलेंस व गति सीमा केनियम कागजों में सिमट कर रह गए।
इनका कहना है कि
यातायात पुलिस तेज गति व अन्य यातायात नियमों की अनदेखी करने वाले वाहनों के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई करते है। अधिकांश ओवर गति के वाहन ही पकड में आते है। जिनका चालान काटा जाता है। फिर भी ऐसे दुपहिया वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बजरंग लाल, इंटरसेप्टर प्रभारी, यातायात पुलिस, शाहपुरा
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो