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अन्नदाता पर पड़ी दोहरी मार, करोड़ों के कारोबार पर संकट

locationबस्सीPublished: May 18, 2020 11:25:33 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

हजारे समेत अनेक प्रकार के फूलों की खेती होती है इन क्षेत्रों में, लॉकडाउन में मुरझाए फूल, किसानों पर गहराया आर्थिक संकट

अन्नदाता पर पड़ी दोहरी मार, करोड़ों के कारोबार पर संकट

अन्नदाता पर पड़ी दोहरी मार, करोड़ों के कारोबार पर संकट

जैतपुरा। कोरोना के कारण क्षेत्र के अन्नदाता पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ जहां लॉकडाउन से उनकी फसलें खराब हो रही हैं वहीं दूसरी आेर उन्हें आर्थिक संकट भी भोगना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत भूरथल में हजारे समेत अनेक प्रकार के फूलों की खेती होती है। यही फूल शादी-ब्याह के सीजन में किसानों के अच्छी आमदनी का जरिया होते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण इस बार इन फूलों के साथ किसानों के चेहरे भी मुरझा गए हैं। कारण लॉकडाउन में जहां सब्जी-फल और जिंसों को ले जाने की छूट है लेकिन फूलों को ले जाने की नहीं। कारण ये जरूरी सेवा में नहीं आते। अब किसानों ने इनके नहीं बिकने की वजह से इन पर ट्रैक्टर चला दिया है।
सैकड़ों बीघा में होती है खेती
भूरथल समेत आसपास के क्षेत्रों में हजारे के अलावा अनेक प्रकार के फूलों की खेती सैकड़ों बीघा में होती है। कई किसानों के परिवारों की रोजी-रोटी इनकी के कारण ही चलती है। लॉकडाउन के चलते फूल नहीं बिकने से इनके सामने आर्थिक संकट आ गया। भूरथल निवासी किसान रामअवतार सैनी ने बताया बड़ी उम्मीद से हजारे के फूल लगाए थे, लॉकडाउन ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
कोलकाता वाले हजारे का भी होता है उत्पादन
हजारा, दाऊदी, गेंदा समेत अनेक प्रकार के फूलों सहित कोलकाता वाले हजारे का भी उत्पादन होता है। यह फूल महंगा आता है। इसका पौधा कोलकाता से ही आता है। किसान जयपुर के जनता मार्केट स्थित फूल व चौमूं मंडी में फूल भेजते थे, लेकिन लॉकडाउन सब बंद हैं।
करोड़ों रुपए का है कारोबार
भूरथल समेत आसपास के क्षेत्रों में फूलों का करोड़ों का कारोबार होता है। फूल नहीं बिकने से एक करोड़ के लगभग का नुकसान भूरथल क्षेत्र के किसानों का हुआ है।
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