ग्रामीणों ने बताया कि गांव में गांव में चार दिन में एक बार पेयजल नसीब हो रहा है, वह भी महज १५ से 20 मिनट। जिससे लोगों में जलदाय विभाग के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। पेयजल के लिए लोगों केा अधर उधर भटकना पड़ता है। इसके बावजूद जलदाय विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे।
ग्रामीणों ने बताया कि रामपुरा गांव में जलदाय विभाग ने जल जीवन मिशन योजना के तहत कार्य कराए हैं। जलदाय विभाग ने बोरिंग निर्माण, बोरवैल खुदाई, पाइपलाइन डालने सहित कई कार्य पूरे करा दिए। जिसको करीब एक साल हो गया, लेकिन जलदाय विभाग के अधिकारियों की अनदेखी से लोगों को समय पर पानी नहीं मिल पा रहा है।
टंकी निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि नहीं मिल पाने पर सरपंच विनोद देवी जाट ने टंकी के निर्माण के लिए भूमि भी दान की थी। इसके बाद दान की गई भूमि पर टंकी का निर्माण कराया गया। विभाग ने 300 कनेक्शन भी दे दिए। कनेक्शन मिलने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि समय पर लोगों को पानी मिल पाएगा, लेकिन योजना का कार्य पूरा होने के बाद भी विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से अभी पेयजल सप्लाई सुचारू नहीं की गई है। ऐसे में इस गर्मी में लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा।
सरपंच ने बताया कि मामले से जलदाय विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। वहीं, एईएन विराटनगर आशीष चाहर का कहना है कि रामपुरा गांव में जल जीवन मिशन का कार्य पूरा हो चुका है। टंकियों को भी भरा जा रहा है। यदि समस्या है तो एक या दो दिन में मौके पर जाकर समस्या का समाधान किया जाएगा।