लोगों की अटकी सांसें….
चलती बस में चालक की तबीयत का पता चलते ही सवारियों में हड़कंप मच गया। लेकिन जब धर्मेन्द्र ने बहादुरी का परिचय देकर यात्रियों को सुरक्षित बचाया तो सबकी जान में जान आई। गनीमत रही कि युवक ने समय रहते बस पर नियंत्रण कर लिया वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
चलती बस में चालक की तबीयत का पता चलते ही सवारियों में हड़कंप मच गया। लेकिन जब धर्मेन्द्र ने बहादुरी का परिचय देकर यात्रियों को सुरक्षित बचाया तो सबकी जान में जान आई। गनीमत रही कि युवक ने समय रहते बस पर नियंत्रण कर लिया वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
बड़ा हादसा टालने वाले धर्मेंद्र मुंशी की जुबानी….
किशनगढ़ रेनवाल निवासी धर्मेन्द्र मुंशी ने बताया कि वह जयपुर से दांतारामगढ़ वाया कालवाड़, जोबनेर, रेनवाल होते हुए संचालित होने वाली निजी बस में ड्राइवर के पास बैठा था। कालवाड़ बस स्टैण्ड से आगे निकलते ही गंगा माता मंदिर से थोड़ा पहले ब्रेकर के पास चालक युसूफ की अचानक तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गया। बस को लहराते देख उसने बस की स्टेयरिंग संभालकर ब्रेक लगा दिए। जब चालक की तबीयत बिगड़ी, उस समय बस गति में थी और आबादी क्षेत्र से निकल रही थी। गनीमत रही कि सही समय पर बस रुक गई वरना हाईवे से गुजरने वाले वाहनों से टकरा कर आबादी क्षेत्र के मकान में घुस जाती। बस में घटना के समय 50 से अधिक यात्री सवार थे।
किशनगढ़ रेनवाल निवासी धर्मेन्द्र मुंशी ने बताया कि वह जयपुर से दांतारामगढ़ वाया कालवाड़, जोबनेर, रेनवाल होते हुए संचालित होने वाली निजी बस में ड्राइवर के पास बैठा था। कालवाड़ बस स्टैण्ड से आगे निकलते ही गंगा माता मंदिर से थोड़ा पहले ब्रेकर के पास चालक युसूफ की अचानक तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गया। बस को लहराते देख उसने बस की स्टेयरिंग संभालकर ब्रेक लगा दिए। जब चालक की तबीयत बिगड़ी, उस समय बस गति में थी और आबादी क्षेत्र से निकल रही थी। गनीमत रही कि सही समय पर बस रुक गई वरना हाईवे से गुजरने वाले वाहनों से टकरा कर आबादी क्षेत्र के मकान में घुस जाती। बस में घटना के समय 50 से अधिक यात्री सवार थे।