जानकारी के अनुसार पीडब्ल्यूडी विभाग ने 2 माह पूर्व पुलिया निर्माण का कार्य शुरू करवाया था, जो दो-तीन दिन बंद हो गया। इस दौरन पुलिया के पास गहरे गड्ढ़े खोद दिए। कार्य बंद होने से पानी निकास के चलते सड़क कटाव मारकर नाम मात्र की रह गई है। आसपास के दर्जनों गांव को जोडऩे का एकमात्र रास्ता भी खस्ताहाल होने से 2 माह से हजारों लोगों को जान जोखिम में डालकर ढूंढ़ की रपट पार करनी पड़ रही है।
जो भी गुजरता, विभाग को कोसता ढूंढ की रपट पर होकर जो भी गुजरता है वह पीडब्ल्यूडी विभाग को कोसे बिना नहीं रह पाता। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग को अगर कार्य अभी नहीं करना था तो साइड के गहरे गड्ढ़े नहीं खोदने चाहिए थे। पानी के बहाव में सड़क में कटाव लग चुका है। पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही का आलम यह रहा कि पुलिया निर्माण को अधूरा छोडऩे के बाद विभाग ने संकेतक लगाना भी मुनासिब नहीं समझा। कुछ दिनों पूर्व तो एक बस पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही के चलते हादसे का शिकार होते-होते बची थी।
कार्य पर एक नजर नवंबर 2018 में शुरू
फरवरी 2019 में पूरा करना
58.80 लाख लागत पत्रिका ने उठाया मामला सांभरिया-पदमपुरा मार्ग पर स्थित ढूंढ की रपट पर पुलिया निर्माण के मामले को राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया है। पत्रिका न 16 जून 2017 को ‘टूटी रपट पर फूटा गुस्सा, किया रोड जामÓ 3 सितंबर 2017 को ‘जेडीए पीडब्ल्यूडी में ठनी सड़क नहीं बनीÓ 15 अक्टूबर 2017 को ‘दखल से सुधरेगी सड़क की शक्लÓ 25 जुलाई 2018 को ‘ढूंढ नदी की रपट से ऊंट गाड़ी सहित बहे 2 लोग, 1 घंटे मौत से सामना, बचायाÓ 19 जुलाई 2018 को ‘पीडब्ल्यूडी जेडीए विवाद तोड़ ना दें जीवन की डोरÓ 18 सितंबर 2018 को ‘पुलिया निर्माण की बंधी आसÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर समस्या को गंभीरता से उठाया है। ढूंढ की रपट पर पानी के बहाव में बहे ऊंट और दो व्यक्तियों की खबर भी आसपास के क्षेत्र में कई दिनों तक चर्चा में रही थी।
इनका कहना है ढूंढ की रपट पर एक-दो दिन के भीतर निर्माण कार्य पुन: शुरू करवाया जाएगा। पुलिया निर्माण करने वाले संवेदक के निजी समस्या चलते अचानक कार्य को रोक दिया था। दिनेश मीणा, एईएन पीडब्ल्यूडी विभाग