इस दौरान टीम ने अस्पतालों का निरीक्षण कर ओपीडी, इनडोर, वार्ड, लैब, टीकाकरण, परिवार कल्याण कार्यक्रम, ऑपरेशन थियेटर सहित चिकित्सा सुविधाएं, स्वच्छता सहित अन्य बिन्दुओं की स्थिति देखी। टीम ने राजकीय उपजिला चिकित्सा शाहपुरा, सीएचसी धानोता, पीएचसी खोरा, उपकेन्द्र खोरी व नयाबास का अवलोकन किया। इससे पहले भी पहले चरण का चिकित्सा अधिकारियों की टीम अवलोकन कर चुकी है। यह दूसरा चरण का निरीक्षण है।
इस दौरान चिकित्सा अधिकारियों ने चिकित्सा कर्मियों की मिटिंग लेकर जहां भी कमियां मिली उनमें शीघ्र सुधार करने के निर्देश ताकि चिकित्सा केन्द्र मानकों पर खरे उतर सके और यह सर्टीफिकेट प्राप्त किया जा सके। इसके बाद तीसरे चरण में अन्य संस्थाओं का भी एसेसमेंट किया जाएगा।
शाहपुरा के 5 केन्द्र एनक्वास की दौड़ में, सर्टीफिकेट पर मिलेगा पुरस्कार
बीसीएमएचओ डॉ. विनोद शर्मा के मुताबिक एनक्वास के लिए ओपीडी, इनडोर, वार्ड, लैब, टीकाकरण, परिवार कल्याण कार्यक्रम, ऑपरेशन थियेटर सहित अन्य चिकित्सा सुविधाएं, स्वच्छता, पार्किंग, ड्रेस कोड सहित करीब 300 पॉइंट का अवलोकन किया जाता है। जिनमें सर्टीफिकेट के लिए 70 फीसदी से अधिक अंक लाना जरूरी है। ब्लॉक में उपजिला चिकित्सालय शाहपुरा, सीएचसी धानोता, पीएचसी खोरा, उपकेन्द्र खोरी व नयाबास दौड़ में शामिल है। ब्लॉक में दो राउण्ड का अवलोकन हो चुका है। अब जिला स्तर पर क्वालीफाई करने वाले को पुरस्कार दिया जाएगा।
शाहपुरा को कायाकल्प में मिला था पुरस्कार
इससे पहले सरकार की कायाकल्प योजना में शाहपुरा के राजकीय चिकित्सालय को पुरस्कार मिला था। इसके तहत एक लाख रुपए की राशि अस्पताल को मिली थी। अब अस्पताल नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड सर्टीफिकेट (एनक्वास) की दौड़ में भी शामिल है। सुविधाओं व अन्य मानकों के लिहाज से ब्लॉक की खोरा लाडखानी पीएचसी में दौड़ में सबसे आगे हैं।
इससे पहले सरकार की कायाकल्प योजना में शाहपुरा के राजकीय चिकित्सालय को पुरस्कार मिला था। इसके तहत एक लाख रुपए की राशि अस्पताल को मिली थी। अब अस्पताल नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड सर्टीफिकेट (एनक्वास) की दौड़ में भी शामिल है। सुविधाओं व अन्य मानकों के लिहाज से ब्लॉक की खोरा लाडखानी पीएचसी में दौड़ में सबसे आगे हैं।