scriptइंडस्ट्रीयल एरिया में 250 से अधिक इकाइयों पर लटके ताले | Factories closed due to Carona | Patrika News

इंडस्ट्रीयल एरिया में 250 से अधिक इकाइयों पर लटके ताले

locationबस्सीPublished: Mar 26, 2020 03:46:22 pm

Submitted by:

vinod sharma

कारोना के चलते फैक्ट्रियां बंद

इंडस्ट्रीयल एरिया में 250 से अधिक इकाइयों पर लटके ताले

इंडस्ट्रीयल एरिया में 250 से अधिक इकाइयों पर लटके ताले

बस्सी/कानोता. कस्बा स्थित इंडस्ट्रीयल एरिया रीको की राहें थम गई हैं। न कोई उत्पादन और ना कोई आयात-निर्यात। पिछले तीन-चार दिनों से यहां सन्नाटा पसरने के साथ मालिकों के साथ मजदूरों ने भी माथा पकड़ लिया है। मालिक को लगातार आर्थिक नुकसान और मजदूरों को दिहाड़ी खत्म होने का दुख, लेकिन कोरोना से बचने के लिए इसे बर्दाश्त करना होगा। कस्बा क्षेत्र के बस्सी और हीरावाला रीको की बात करें, तो यहां 250 से अधिक इकाइयों में ताले लटके हुए हैं। वहीं इनमें काम करने वाले 15 हजार से अधिक मजदूरों के सामने परिवार पालने का संकट गहराने लगा है।

मजदूर मजदूरी नहीं कर पा रहे…
कोरोना वायरस आमजन के साथ मूलभूत सुविधाओं पर भी असर डाल रहा है। महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है। सभी प्रतिष्ठान, फैक्ट्रियां, मॉल, उधोग धंधे आदि बंद करने पड़ गए हैं। इससे मजदूर मजदूरी नहीं कर पा रहे हैं। फैक्ट्रियां बंद होने से रोजाना करोड़ों रुपयों का नुकसान हो रहा है। साथ ही सरकार को रोजाना लाखों रुपयों के राजस्व की हानि हो रही है। बस्सी रीको क्षेत्र में सौ के करीब छोटी-बड़ी फैट्रियां हैं। इनमें करीब 2000 से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं। इन फैक्ट्रियों के बंद होने से फैक्ट्री संचालकों को रोजाना करीब 10 लाख रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। इनका टर्न ओवर लगभग 5 करोड़ का है।
मजदूर हो रहे प्रभावित…
रीको बस्सी में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों को खाने के लाले पड़ गए हैं। फैक्ट्रियों के आसपास संचालित दुकानों पर भी इसका सीधा सीधा असर पडऩे लगा है। उनकी दुकानें भी इन्हीं मजदूरों के सामान खरीद फरोख्त से ही चलती हैं। दुकानदार नवीन चौधरी ने बताया कि फैक्ट्रियों के संचालन बंद होने से उनकी दुकान पर भी असर दिखाई देने लगे हैं। सुबह दुकान खोलते तो हैं, लेकिन एक-दो ग्राहक ही पहुंचते है। पहले मारामारी रहती थी। अब तो घर चलाना ही मुश्किल हो गया है।
माल हो रहा खराब…
फैक्ट्रियां बंद होने से इनमें पड़ा माल खराब होता जा रहा है। इन फैक्ट्रियों में आइसक्रीम बनाने, बर्फ बनाने, सॉस, शीतलपेय बनाने के कच्चे व तैयार माल पड़ा हुआ है, जो भी खराब हो रहा है। साथ ही प्लाईवुड की फैक्ट्रियों में तैयार माल रखा हुआ है। ये लॉकडाउन यदि अधिक दिनों तक रहता है, तो दीमक लगने के आसार बने हुए हैं, जिससे वह खराब हो जाएंगे।
बस्सी रीको…
-100 कुल छोटी-बड़ी इकाइयां
-100 व्यापारी इकाइयों में
-2 हजार से अधिक मजदूर
-5 करोड़ रुपए का प्रतिदिन का टर्नओवर
-15 से 20 लाख रुपए का प्रतिदिन नुकसान

हीरावाला रीको…
-150 कुल छोटी-बड़ी इकाइयां
-150 व्यापारी इकाइयों में
-15 हजार से अधिक मजदूर
-1000 टन उत्पादन प्रतिदिन
-15 से 20 करोड़ रुपए का प्रतिदिन कारोबार प्रभावित
इनका कहना है…
फैक्ट्रियां बंद होने से कारोबार बूरी तरह प्रभावित हुआ है। इससे सभी वर्ग प्रभावित हैं। करोड़ों रुपयों का कारोबार ठप होने से सरकार और संचालकों को लाखों रुपयों का नुकसान झेलना पड़ रहा है। इससे सबसे बड़ा काम लोगों का बचाने का है। सरकार का साथ देना प्राथमिकता है।
...राजेंद्र कासलीवाल, अध्यक्ष, रीको इंडस्ट्रीयल एरिया, बस्सी
महामारी से सभी लोग प्रभावित हुए हैं। संचालकों को लाखों रुपयों का नुकसान हो रहा है। यदि अधिक दिन तक चला, तो फैक्ट्रियों में पड़ा माल भी खराब होने का अंदेशा है। इससे उन्हें लाखों रुपयों की चपत लगेगी। इससे पहले यह काम भी जरूरी है। जब रहेंगे ही नहीं तो क्या करेंगे।
…गिर्राज सामोत्या, सचिव, रीको इंडस्ट्रीयल एरिया, बस्सी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो