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जमीन पर रार, इंसानियत तार- तार

locationबस्सीPublished: Oct 10, 2021 11:01:01 am

16 लोगों को वर्ष 2020 में राजस्थान में भूमि व संपदा विवाद में गंवानी पड़ी जान , 04 लाख से ज्यादा मामले राजस्व अदालतों में हैं लम्बित, विशेषज्ञ के अनुसार मुख्य कारण है राजस्व रिकॉर्ड का सही संधारण नहीं, सीमाज्ञान की पुरानी तकनीक

जमीन पर रार, इंसानियत तार- तार

जमीन पर रार, इंसानियत तार- तार

अभिषेक सिंघल

जयपुर. जमीन की सीमा का विवाद, मालिकाना हक या दो भाइयों में बंटवारे का मामला या गांव में दो पक्षों में झगड़ा। भूमि को लेकर उठे विवाद में जोर अजमाइश की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इसके चलते जमीन विवाद खूनी खेल में बदलते जा रहे हैं। झगड़ों में एक परिवार के लोगों को जान गंवानी पड़ रही है, दूसरा परिवार हत्या के आरोप में जेल जाता है और दोनों परिवार कोर्ट कचहरी के चक्कर काटते हैं। यह सामाजिक समस्या पिछले कुछ दशकों में ज्यादा बढ़ गई है। हालात यह हैं कि राजस्थान में पिछले साल 116 लोगों की हत्या जमीन संबंधी विवादों में हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्व रिकॉर्ड का सही प्रकार संधारण नहीं होना और सीमाज्ञान में पुरानी तकनीक का प्रयोग विवाद बढ़ने की प्रमुख वजह है। इसके साथ ही राजस्व अदालतों में मामलों के निस्तारण की धीमी गति इस समस्या को और विकराल रूप दे रही है।
लगातार बढ़ रहा है भ्रष्टाचार

एसीबी ने जमीन संबंधी मामलों में रिश्वत लेते पटवारी, तहसीलदार, राजस्व मंडल के अधिकारियों कर्मचारियों को दबोचा है। अगस्त तक एसीबी में दर्ज 52 मामलों की अभियोजन स्वीकृति विभाग स्तर पर अटकी हुई है।
केस —1

दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा थाना क्षेत्र के गण्डलाई गांव में13 वर्ष पूर्व हुए एक भूमि विवाद में एक जने की हत्या के मामले में एक ही कुटुंब के 14 जने उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। सजा सुनाए जाने के बाद अब इस परिवार के शेष सदस्यों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति बन गई है। इनमें से एक परिवार के लोग अपने रिश्तेदारों के यहां रहने चले गए हैं तो एक अन्य परिवार में महिलाएं एवं छोटे बच्चे हैं जो अब जीवन यापन के लिए संघर्ष में जुटे हैं।
केस— 2.

दौसा के मानपुर थाना क्षेत्र के पांचोली निवासी कांस्टेबल की उसके भतीजे ने दोस्तों के साथ मिल हत्या कर दी थी। वारदात के बाद आरोपी ने वीडियो जारी कर कहा कि उसे वारदात का अफसोस है। इस परिवार में भूमि विवाद के कारण रंजिश थी। मामले में अभी भी कुछ आरोपी फरार हैं। घटना के बाद मृत कांस्टेबल की पत्नी दोनों बच्चे सहित घर पर डर के साए में जी रहे हैं तो आरोपी का परिवार गांव छोड़ रिश्तेदार के यहां है और गांव के मकान पर ताला लगा है।
केस— 3

जयपुर जिले के माधोराजपुरा के निकट सेदरिया गांव में गत 17 अगस्त को खेत की बुवाई को लेकर चल रहे विवाद में एक पक्ष ने महिला व उसके दो बेटों को ट्रैक्टर चढ़ाकर मारने का प्रयास किया। घटना में महिला की मौत हो गई थी जबकि उसके दो पुत्र भी गंभीर घायल हो गए थे।
केस 4

झुंझुनूं जिले के खेतड़ी थानाक्षेत्र के कांकरिया गांव के एक खेत की जमीन में बजरी खनन को लेकर दो भाइयों में विवाद था। मामले को लेकर एक भाई ने बजरी खनन वालों के साथ मिलकर मां को गाड़ी से कुचलकर मार दिया था। आरोपी जेल में है।
इनका कहना है…

जमीन के 99 प्रतिशत मामले प्रॉपर रिकॉर्ड मेंटीनेंस नहीं होने से होते हैं। सीमा विवाद में पुरानी तकनीक से नपाई विवाद में रहती है। सैटलमेंट भी विवाद की वजह बन जाता है। पुलिस के पास पाबंदगी के सिवाय कोई उपाय नहीं है। कई बार विवाद जानलेवा हो जाते हैं। सही रिकॉर्ड संधारण और राजस्व अदालतों में तेजी से मामले निपटाना जरूरी है।
– ओमेंद्र भारद्वाज, पूर्व पुलिस महानिदेशक, राजस्थान पुलिस

करीबन 66 फीसदी सिविल केस जमीन विवाद के होते हैं। राजस्व विभाग में बढ़ता भ्रष्टाचार भी विवाद बढ़ने का एक कारण है। सरकार को लैंड सर्वे करवा कर रिकॉर्ड अपडेट करना होगा। केवल अभी के रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन पर्याप्त नहीं है।
– मनीष तिवारी, निदेशक, एससीएम सोशल पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट, जयपुर

संपत्ति आर्थिक संबल का प्रतीक रहती है। प्राचीन काल से विवाद का विषय रहा है। इस सामाजिक चुनौती से निपटने के लिए सरकार परंपरागत संगठनों के साथ नई तकनीक का समन्वय कर न्यायोचित निस्तारण करे और इसके लिए काउसलिंग का मैकेनिज्म डवलप करे।
– प्रोफेसर राजीव गुप्ता, समाजशास्त्री

आंकड़े कह रहे सारी कहानी

वर्ष 2021 में जमीन विवाद

जयपुर ग्रामीण – 126

चूरू- 147

झुंझुनूं-178

भीलवाड़ा- 12

प्रतापगढ़- 125

जोधपुर-22
बारां-14

भरतपुर- 101

नागौर – 72

अलवर -809

सवाईमाधोपुर —90

दौसा —88

जयपुर कमिश्नरेट- 1000

एनसीआरबी के मुताबिक वर्ष 2020 में राजस्थान में 116 लोगों की हत्या का कारण संपत्ति या जमीन संबंधि विवाद रहा
राजस्व मंडल में 63 हजार, अन्य राजस्व न्यायालयों में 4 लाख से अधिक प्रकरण लंबित

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