कृषि कानून का विरोध
इस अवसर पर सभी ने एक स्वर से इस कृषि कानून का विरोध करते हुए हुंकार भरी। पूर्व सरपंच पेमाराम सेपट ने कहा कि किसानों की नहीं सुनने पर निकाय चुनावों में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। कृषि संकाय के छात्र, अध्यापक, नौकरशाह भी इसका विरोध कर रहे है। जब तक काला कानून रद्द नहीं हो जाता किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा।
इस अवसर पर सभी ने एक स्वर से इस कृषि कानून का विरोध करते हुए हुंकार भरी। पूर्व सरपंच पेमाराम सेपट ने कहा कि किसानों की नहीं सुनने पर निकाय चुनावों में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। कृषि संकाय के छात्र, अध्यापक, नौकरशाह भी इसका विरोध कर रहे है। जब तक काला कानून रद्द नहीं हो जाता किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा।
इन्होंने किया स्वागत
सभा को खेजडावास सरपंच सोहन सेपट, कालख सरपंच शारदा सेपट, पूर्व सरपंच बाबूलाल यादव, कन्हैयालाल जाखड, बस्सी झाझडा सरपंच दिनेश निठारवाल, बोबास सरपंच रूपनारायण, डेहरा वार्ड पंच कैलाश शर्मा, मांगीलाल बुनकर, रामसहाय नागा, रामलाल नेटवाल, शंकर जाखड, हीरालाल जीतरवाल, अशोक ओला, राजू ढाका, नानूराम खोराणिया, बाबूलाल बाना, बाबूलाल जाखड, नारायण जुंजाडिया, राजेश भटेश्वर, गोपाल जाखड समेत अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।
सभा को खेजडावास सरपंच सोहन सेपट, कालख सरपंच शारदा सेपट, पूर्व सरपंच बाबूलाल यादव, कन्हैयालाल जाखड, बस्सी झाझडा सरपंच दिनेश निठारवाल, बोबास सरपंच रूपनारायण, डेहरा वार्ड पंच कैलाश शर्मा, मांगीलाल बुनकर, रामसहाय नागा, रामलाल नेटवाल, शंकर जाखड, हीरालाल जीतरवाल, अशोक ओला, राजू ढाका, नानूराम खोराणिया, बाबूलाल बाना, बाबूलाल जाखड, नारायण जुंजाडिया, राजेश भटेश्वर, गोपाल जाखड समेत अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।