बारिश कहीं तेज तो कहीं हल्की हुई। बारिश होने से जहां एक ओर मौसम में ठंडक आ गई। वहीं किसानों के चेहरे भी खिल गए। अधिकतर इलाके में चना, तारामीरा और सरसों की बुवाई हो चुकी है। वहीं जौ और गैहूं की बुवाई भी चल रही है। किसानों ने बताया कि बारिश के बूंदे फसल के लिए अमृत के समान है। बारिश से फसल को काफी फायदा होगा।
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९९ फीसदी हो चुकी बुवाई
कृषि अधिकारियों के मुताबिक सरसों, तारामीरा और चना की ९९ फीसदी बुवाई हो चुकी है। वहीं जौ और गैहूं की बुवाई भी चल रही है। बारिश फसल के लिए गुणकारी रहेगी। शाहपुरा क्षेत्र में चना की बुवाई १३०० हेक्टयेर में हो चुकी है। जबकि सरसों ४ हजार, तारामीरा ५६०, चना १५०० और गैहूं ४०० हेक्टयेर में बुवाई की जा चुकी है।
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१ लाख ५ हजार हेक्टयेर में फसल की बुवाई का लक्ष्य
कृषि विभाग के सहायक निदेशक कार्यालय के अधीन शाहपुरा, विराटनगर, पावटा, कोटपूतली और जमवारागढ़ में रबी फसल की बुवाई का १ लाख ५ हजार हेक्टयेर का लक्ष्य है। सहायक निदेशक सरदारमल यादव ने बताया कि पांचों ब्लॉक क्षेत्रों में सरसों, तारामीरा और चना की ९९ फीसदी बुवाई हो चुकी है। वहीं जौ, गैहूं की बुवाई भी जारी है।