खेत में अठखेलियां कर रहे थे मादा पैंथर व शावक पणदो में ही शाम को पहाड़ी के पास खेत में चारा लेने गई महिला कुछ दूरी पर बाजरे के खेत में मादा पैंथर व दो शावकों को देखकर बेहोश हो गई। शोर सुनकर मौके पर पहुंचे लोग महिला को उपचार के लिए चिकित्सक के पास लेकर गए। जहां प्राथमिक उपचार के बाद वह सामान्य हुई। ग्रामीण सायरमल गुर्जर ने बताया कि लालीदेवी पत्नी धूड़ाराम गुर्जर खेत में चारा खोद रही थी। इसी दौरान पास ही बाजरे के खेत में मादा पैंथर अपने दो शावकों के साथ अठखेलियां करती दिखी। जिसे देखते ही लालीदेवी बेहोश हो गई। इसी दौरान आस पास चारा खोद रही महिलाओं ने शोर किया तो ग्रामीण दौड़कर मौके पर पहुंचे और महिला को उपचार के लिए भामोद लेकर गए। शोर शराबा होने पर पैंथर व शावक बाजरे के खेत से ओझल हो गए।
एक सप्ताह में 20 मवेशियों का शिकार ग्राम पंचायत भामोद के पणदो व आसपास क्षेत्र में एक सप्ताह में ही पैंथर ने पहाड़ी की तलहटी में अलग-अलग लेागों के 20 मवेशियों का शिकार कर लिया। इससे ग्रामीणों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक भैंरू बाबा के जोहड़े के पास हरिराम गुर्जर की 5 बकरी, भंवर गुर्जर की 2 बकरी, जीवणराम की 2 बकरी, बालु गुर्जर की 4 बकरी, अशोक धानका की 2 बकरी, गोपाल की एक बकरी, सुल्तान की 2, गंगाराम की 2, रूड़ाराम की 2 बकरियों, चौथमल गुर्जर के घर एक बछड़े का और उसके पडौसी की एक पाडी का पैंथर शिकार कर चुका।
पूर्व सरंपच महावीर शर्मा, पूर्व सरंपच कैलाश चंद मीणा, राधेश्याम यादव सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पैंथर द्वारा मवेशियों का शिकार करने से पशुपालकों को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने वन विभाग से शिकार हुई बकरियों का मुआवजा दिलाने की मांग की है।
जंगल तो वन्य जीवों का अपना क्षेत्र है। वहां यदि मवेशियों का शिकार हो रहा है तो पशु पालकों को सतर्क रहना चाहिए। आबादी क्षेत्र में पैंथर की आवाजाही को लेकर वन कर्मियों की ओर से गश्त बढ़ा दी जाएगी।——-मुकेश शर्मा, रेंजर बीलवाड़ी