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बोर्ड परीक्षा के पहले सात किलोमीटर की पैदल दौड़

locationबस्सीPublished: Mar 17, 2020 04:25:05 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

परिक्षार्थियों को बार्ड परीक्षा से पूर्व अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ रहा है

बोर्ड परीक्षा के पहले सात किलोमीटर की पैदल दौड़

बोर्ड परीक्षा के पहले सात किलोमीटर की पैदल दौड़

आंधी। बोर्ड परीक्षा के पूर्व कस्बे के इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को 7 किमी तक की दौड़ लगाना पड़ती है। बतां दें कि पंचायत डगोता मुख्यालय सहित इसके अधीन गांव से 8वीं व 10वीं की बोर्ड परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों को परीक्षा से पहले 7 किलोमीटर पहाड़ी रास्ते पर पैदल दौड़ लगानी पड़ रही है। क्योंकि यहां आवागमन साधनों की कमी के चलते बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे परिक्षार्थियों को बार्ड परीक्षा से पूर्व अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ रहा है।
डगोता मुख्यालय सहित इसके अधीन गांवों में कक्षा 8 एवं 10 में पढऩे वाले बच्चों की बोर्ड परीक्षा का सेंटर नीमला मुख्यालय स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में है। इन गांवों की परीक्षा केन्द्र से औसतन दूरी करीब 6 से 7 किलोमीटर पड़ती है। सरिस्का बाघ परियोजना क्षेत्र से सटे होने के कारण इन गांवों में अब तक अभी तक डामर सड़क का निर्माण नहीं हुआ। जिसके चलते इन गांवों में आवागमन साधनों का अभाव है। जिस कारण यहां पढऩे वाले 10वीं के 35 और 8वीं के 20 और 12वीं के 15 विद्यार्थियों को बार्ड परीक्षा देने से नीमला तक पूर्व सात किलोमीटर की पैदल दौड़ लगानी पड़ती है। लम्बी दूरी तक पैदल आने के कारण बच्चों में खासी थकान हो जाती है। जिसके चलते परीक्षा हाल में वह परीक्षा के लिए मानसिक तोर पर पूरी तरह स्वस्थ नहीं रहने से उनका परीक्षा परिणाम प्रभावित होता है।
वन्य जीवों के हमले का भी डर
मांडा योजना का विशेष भौगोलिक स्थिति वाला पहाड़ी गांव होने के बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा गांव के सैकण्डरी विद्यालय में परीक्षा केन्द्र शुरू नहीं किया। जिसके कारण बच्चों को 7 किलोमीटर दूर पहाड़ी रास्ते से पैदल जाकर परीक्षा देनी पड़ रही है। परीक्षा प्रात: साढ़े 8 बजे से शुरू होती, जिसके कारण बच्चों को प्रात: जल्दी की घर से निकलना पड़ता है। इसी तरह आठवी बोर्ड की परीक्षाएं अपरान्ह २ बजे से साढ़े चार बजे की पारी में होने से परीक्षा के बाद बच्चों को घर पहुंचने में भी देरी होती है। पहाड़ी रास्तों से आने-जाने के कारण यहां वन्य जीवों के हमले का भी डर बना रहता है।
विद्यालय स्तर पर वाहन की व्यवस्था
नीमला परीक्षा केन्द्राधीक्षक लल्लू लाल मीणा ने बताया कि आवागमन साधनों की कमी के चलते परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। किसी कारणवश कोई परीक्षार्थी समय तक नही पहुंचता है तो उसको लाने के लिए विद्यालय स्तर पर वाहन की व्यवस्था कर उसको जाकर लाना पड़ता है, ताकि वह परीक्षा से वंचित ना रहे।

इनका कहना
इन गांवों को जोडऩे के लिए डामर सड़क का निर्माण कराने तथा आवागमन साधनों का संचालन शुरू कराने के लिए क्षेत्रिय विधायक व सांसद कई बार अवगत कराया, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। जिसका खामियाजा ग्रामीणों के साथ युवाओं को भी भुगतना पड़ रहा है।
पूरणमल योगी, निवर्तमान सरपंच
– गोता और इसके आसपास के गांवों को जोडऩे वाले मार्ग में करीब ३ किलोमीटर दूरी वाला क्षेत्र सरिस्का बाघ परियोजना में पडऩे के कारण वन विभाग द्वारा डामर सड़क निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता। जिसके चलते स्वीकृत होने के बाद भी डामर सड़क का निर्माण नहीं हो पाता है।
रामेश्वर प्रसाद मीणा, एईएन, सार्वजनिक निर्माण विभाग

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