वन्य जीवों के हमले का भी डर
मांडा योजना का विशेष भौगोलिक स्थिति वाला पहाड़ी गांव होने के बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा गांव के सैकण्डरी विद्यालय में परीक्षा केन्द्र शुरू नहीं किया। जिसके कारण बच्चों को 7 किलोमीटर दूर पहाड़ी रास्ते से पैदल जाकर परीक्षा देनी पड़ रही है। परीक्षा प्रात: साढ़े 8 बजे से शुरू होती, जिसके कारण बच्चों को प्रात: जल्दी की घर से निकलना पड़ता है। इसी तरह आठवी बोर्ड की परीक्षाएं अपरान्ह २ बजे से साढ़े चार बजे की पारी में होने से परीक्षा के बाद बच्चों को घर पहुंचने में भी देरी होती है। पहाड़ी रास्तों से आने-जाने के कारण यहां वन्य जीवों के हमले का भी डर बना रहता है।
मांडा योजना का विशेष भौगोलिक स्थिति वाला पहाड़ी गांव होने के बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा गांव के सैकण्डरी विद्यालय में परीक्षा केन्द्र शुरू नहीं किया। जिसके कारण बच्चों को 7 किलोमीटर दूर पहाड़ी रास्ते से पैदल जाकर परीक्षा देनी पड़ रही है। परीक्षा प्रात: साढ़े 8 बजे से शुरू होती, जिसके कारण बच्चों को प्रात: जल्दी की घर से निकलना पड़ता है। इसी तरह आठवी बोर्ड की परीक्षाएं अपरान्ह २ बजे से साढ़े चार बजे की पारी में होने से परीक्षा के बाद बच्चों को घर पहुंचने में भी देरी होती है। पहाड़ी रास्तों से आने-जाने के कारण यहां वन्य जीवों के हमले का भी डर बना रहता है।
विद्यालय स्तर पर वाहन की व्यवस्था
नीमला परीक्षा केन्द्राधीक्षक लल्लू लाल मीणा ने बताया कि आवागमन साधनों की कमी के चलते परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। किसी कारणवश कोई परीक्षार्थी समय तक नही पहुंचता है तो उसको लाने के लिए विद्यालय स्तर पर वाहन की व्यवस्था कर उसको जाकर लाना पड़ता है, ताकि वह परीक्षा से वंचित ना रहे।
नीमला परीक्षा केन्द्राधीक्षक लल्लू लाल मीणा ने बताया कि आवागमन साधनों की कमी के चलते परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। किसी कारणवश कोई परीक्षार्थी समय तक नही पहुंचता है तो उसको लाने के लिए विद्यालय स्तर पर वाहन की व्यवस्था कर उसको जाकर लाना पड़ता है, ताकि वह परीक्षा से वंचित ना रहे।
इनका कहना
इन गांवों को जोडऩे के लिए डामर सड़क का निर्माण कराने तथा आवागमन साधनों का संचालन शुरू कराने के लिए क्षेत्रिय विधायक व सांसद कई बार अवगत कराया, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। जिसका खामियाजा ग्रामीणों के साथ युवाओं को भी भुगतना पड़ रहा है।
पूरणमल योगी, निवर्तमान सरपंच
– गोता और इसके आसपास के गांवों को जोडऩे वाले मार्ग में करीब ३ किलोमीटर दूरी वाला क्षेत्र सरिस्का बाघ परियोजना में पडऩे के कारण वन विभाग द्वारा डामर सड़क निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता। जिसके चलते स्वीकृत होने के बाद भी डामर सड़क का निर्माण नहीं हो पाता है।
रामेश्वर प्रसाद मीणा, एईएन, सार्वजनिक निर्माण विभाग
रामेश्वर प्रसाद मीणा, एईएन, सार्वजनिक निर्माण विभाग