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पुलिसकर्मी ने सत्यापन के नाम पर मांगे रुपए, नहीं दिए तो मारपीट,पांच पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

locationबस्सीPublished: Mar 14, 2020 04:53:49 pm

Submitted by:

vinod sharma

कानोता थाने का मामला: पासपोर्ट सत्यापन के नाम पर रुपए मांगने का आरोप

पुलिसकर्मी ने सत्यापन के नाम पर मांगे रुपए, नहीं दिए तो मारपीट,पांच पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

पुलिसकर्मी ने सत्यापन के नाम पर मांगे रुपए, नहीं दिए तो मारपीट,पांच पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

कानोता (जयपुर). कानोता थाने में पासपोर्ट सत्यापन के लिए शुक्रवार को आए महिला सहित तीन जनों और पुलिसकर्मी के बीच कहासुनी हो गई। जिसमें कहासुनी मारपीट में बदल गई। मामले की सूचना पर ग्रामीण थाने पहुंचे और घेराव किया। जो देर रात तक चला। ग्रामीणों ने आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेड करने की मांग की। जमवारामगढ़ विधायक गोपाल मीणा ने मौके पर पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से आरोपियों पर कार्रवाई सहित पीडि़त को न्याय दिलाने की मांग की। जिस पर देर रात पांच पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। मामले की जांच एसीपी बस्सी को सौंपी है।
पहले कहासुनी फिर मारपीट…
ग्रामीणों ने बताया कि नायला निवासी अनवर लुहार, नजमा बानो, यूसुब लुहार शुक्रवार दोपहर को पासपोर्ट सत्यापन के लिए कानोता थाने पहुंचे। जिस पर संबंधित पुलिसकर्मी के पास जरूरी कागजात के साथ पहुंचे। इस दोरान पुलिसकर्मी ने कागजात देखने के बाद सत्यापन के लिए कागज जयपुर भेजने की बात कही।
मामले को लेकर रोष जताया…
आरोप है कि इस दौरान पुलिसकर्मी ने सत्यापन के नाम पर कुछ रुपए की मांग की। जिस पर आवेदनकर्ता ने इनकार कर दिया। इस बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई। इसके बाद आवेदनकर्ता ने ग्रामीणों को मामले की सूचना दी। इस पर ग्रामीण विशम्बर शर्मा मौके पर पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने उनसे भी मारपीट कर दी। इसके बाद विरोध बढ़ गया और सूचना पर थाने पर ग्रामीण एकत्रित हो गए। इसके बाद ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर मामले को लेकर रोष जताया और आरोपी पुलिसकर्मियों को निलम्बित करने की मांग की।
देर रात समाप्त किया थाने का घेराव…
सूचना पर एडिशनल डीसीपी मनोज चौधरी, बस्सी एसीपी सुरेश सांखला, कानोता थानाधिकारी नरेन्द्र खीचड़, बस्सी थानाधिकारी शिवकुमार भारद्वाज और जमवारामगढ़ विधायक गोपाल मीणा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश की। जिस पर ग्रामीणों ने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों ने पांच आरोपी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की। जिस पर पुलिस अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों को नाम भेजकर ग्रामीणों को उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला शांत किया। जिसके बाद ग्रामीण माने और घेराव समाप्त किया।

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