हालांकि सीएचसी शाहपुरा में वर्तमान में 100 बेड है और स्टाफ भी पर्याप्त है, लेकिन सीएचसी के उपजिला अस्पताल के क्रमोन्नत होने से अब चिकित्सा सुविधाओं में और इजाफा होगा। जो कि क्षेत्रवासियों के लिए बड़ी खुश खबर है। शाहपुरा सीएचसी क्षेत्र का एकमात्र बड़ा अस्पताल होने से यहां हमेंशा मरीजों का दबाव बना रहता है।
जयपुर -दिल्ली राजमार्ग पर स्थित होने से करीब ५० किमी के दायरे में होने वाली सडक़ दुर्घटनाओं में घालयों को भी उपचार के लिए यहीं लाया जाता है। ऐसे में मरीजों के दबाव के अनुपात में संसाधन व स्टाफ नहीं होने से काफी समय से अस्पताल का दम घुट रहा था। मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसे देखते हुए पिछले दिनों क्षेत्रीय विधायक आलोक बेनीवाल ने विधायक कोष से चिकित्सा संसाधनों के लिए 1.60 करोड रुपए स्वीकृत किए थे। साथ ही अब विधायक के प्रयास से सरकार ने बजट घोषणा में सीएचसी को उप जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत कर क्षेत्रवासियों को सौगात दी है। इससे मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेगी।
विधायक बेनीवाल ने कहा कि उनकी प्राथमिकता मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना है। अब सीएचसी के उप जिला अस्पताल में क्रमोन्नत होने से मरीजों को उपचार की यहीं पर सुविधाएं मिलेगी। चिकित्सा संसाधन और स्टाफ दोनों में बढोतरी होगी
शाहपुरा सीएचसी प्रभारी डॉ. हरीश मोहन मुदगल ने बताया कि वर्तमान में सीएचसी में 100 बैड है। साथ ही यहां 29 चिकित्सक और 35 का नर्सिंग स्टाफ है। उपजिला चिकित्सालय बनने के बाद बैड बढेंगे। अब अस्पताल करीब डेढ सौ बैड तक का हो सकेगा। साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सक और सर्जरी चिकित्सक भी लगाए जाएंगे। नर्सिंग स्टाफ में भी वृद्धि होगी। जिससे मरीजों को यहीं पर उपचार की बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी। अस्पताल के क्रमोन्नत होने से बजट भी उसी अनुरूप मिलेगा। जिससे अस्पताल के संचालन और कार्य व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा सकेगा।
शाहपुरा सीएचसी प्रभारी डॉ. हरीश मोहन मुदगल ने बताया कि वर्तमान में सीएचसी में 100 बैड है। साथ ही यहां 29 चिकित्सक और 35 का नर्सिंग स्टाफ है। उपजिला चिकित्सालय बनने के बाद बैड बढेंगे। अब अस्पताल करीब डेढ सौ बैड तक का हो सकेगा। साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सक और सर्जरी चिकित्सक भी लगाए जाएंगे। नर्सिंग स्टाफ में भी वृद्धि होगी। जिससे मरीजों को यहीं पर उपचार की बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी। अस्पताल के क्रमोन्नत होने से बजट भी उसी अनुरूप मिलेगा। जिससे अस्पताल के संचालन और कार्य व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा सकेगा।