उक्त योजना ३० नवम्बर तक लागू रहेगी। इसके बाद बिजली निगम की ओर से भार सत्यापन के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। बिजली निगम शाहपुरा वृत्त के अधिशासी अभियंता टी. एस. राजावत व सहायक अभियंता अनिल गुप्ता ने बताया कि 1 सितंबर से जारी इस योजना के तहत यदि कृषि उपभोक्ताओं का विद्युत भार बढ़ा हुआ पाया जाता है, तो उनसे कोई जुर्माना नहीं लिया जा रहा है।
उनसे महज धरोहर राशि 15 रुपए प्रति एचपी प्रति माह की दर से 2 माह के लिए राशि जमा करवा कर भार को नियमित किया जा रहा है। योजना में 2 वर्ष तक कटे हुए कनेक्शनों को भी यदि उपभोक्ता भार वृद्धि के साथ जुड़वाना चाहते हैं, तो वे भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
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ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि व लाइन खर्च भी निगम वहन करेगा एईएन गुप्ता ने बताया कि 30 नवम्बर तक योजना का लाभ उठाने वाले कृषि उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक होने पर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि व नई 11 केवी लाइन एवं सब स्टेशन का खर्चा भी निगम द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ 31 अगस्त 2019 तक जारी किए गए कृषि कनेक्शनधारी भी ले सकते हैं। इसके लिए उपभोक्ता सहायक अभियंता से संपर्क कर सकते हैं।
———– योजना समाप्ति के बाद भार बढ़ा मिला हो होगी कार्रवाई योजना के प्रावधानों के अनुसार ऐसे किसान जो उसी कुए पर दूसरी मोटर लगाकर भार वृद्धि करते हैं या दूसरे कुएं पर जो उसी खसरा या खेत में दूसरी मोटर चलाने के लिए भार बढाना चाहते हैं, उनको इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। जबकि पूर्व में दो मोटरें स्वीकृत हैं और किसान उनके भार में वृद्धि करना चाहता है तो वे इस योजना का लाभ ले सकते हैं। उन्होंनेे बताया कि योजना समाप्ति के बाद सत्यान किया जाएगा। जिसमें यदि भार बढ़ा हुआ मिला तो ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 2 वर्ष तक कटे हुए कृषि कनेक्शनों पर भी भार योजना लागू है। इसमें यदि उपभोक्ता अपने कटे हुए कनेक्शनों को भार वृद्धि के साथ जुड़वाना चाहता है तो वे भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। योजना के दौरान यदि किसी उपभोक्ता की बढे हुए भार की वीसीआर भरी जा चुकी है, तो वे भी योजना के प्रावधानों के अनुसार नियमित की जाएगी।