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हौसलों की उड़ान कैसे चढ़े परवान

locationबस्सीPublished: Sep 19, 2018 11:39:37 pm

Submitted by:

Surendra

दर्जनभर खेल मैदानों पर अतिक्रमण की मार, मैदानों में उगी कंटीली झाडियां और बबूल के पेड़

Govt. Schools

हौसलों की उड़ान कैसे चढ़े परवान

बाड़ापदमपुरा (पंकज शर्मा) . राजकीय विद्यालयों के बच्चों के लिए आवंटित खेल मैदानों पर अतिक्रमण, सरकारी कागजों की औपचारिकता और विकसित करने के अभाव में खेल प्रतिभाओं को मंच नहीं मिल रहा है। चाकसू उपखंड में ऐसे और भी कई राजकीय विद्यालय हैं, जिनके खेल मैदानों भी ऐसी ही कमियों के चलते जंगल बने हुए हैं। ऐसे में बच्चों को खुलकर खेलने का मौका नहीं मिल पा रहा है। कमी चाहे विद्यालय प्रबंधन की हो या सरकारी तंत्र की, लेकिन इसके चलते उपखंड में ग्रामीण स्तर पर खेल प्रतिभाएं उभर नहीं पा रही हैं।
मैदान बने जंगल

जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते क्षेत्र के तमाम खेल मैदान बदहाल हो रहे हैं। कहीं चारदीवारी नहीं है, तो कहीं अतिक्रमण और कंटीली झाडियां-बबूल के पेड़ उगे हुए हैं। खेल मैदानों के कुछ हिस्सों में जहां लोगों ने गोबर और ईधन के लिए लकडिय़ां डालकर कब्जा कर रखा है, वहीं कई मैदानों पर तो आसपास के लोगों ने कचरा भी डालना शुरू कर दिया है। ऐसे में जिन खेल मैदानों को बच्चों से गुलजार रहना चाहिए था, उनमें आवारा पशुओं का जमावड़ा दिखाई देता है। खेल मैदानों की उपेक्षा के चलते खेलों से संबंधित छोटे-छोटे आयोजन भी निजी मैदानों और खेतों में हो रहे हैं।
धूल खा रही है खेल सामग्री

खेल विभाग द्वारा हर साल विद्यालयों को खेल सामग्री (स्पोट्र्स किट) उपलब्ध कराई जाती है। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रमों के जरिए स्कूली बच्चों को कभी क्रिकेट, तो कभी दूसरे खेलों की किट बतौर पुरस्कार देते हैं। अब खेल मैदानों की व्यवस्था नहीं होने से ये सारी सामग्री विद्यालयों के बंद कमरों में धूल खा रही है। इन स्पोट्र्स किट का उपयोग नहीं होने से वो कबाड़ में तब्दील हो रही हंै।
बेअसर रहे कलक्टर के निर्देश

हाल ही में जिला कलक्टर की ओर से सभी उपखंड अधिकारियों को विद्यालय के खेल मैदानों और विद्यालय भूमि से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे। उपखंड अधिकारियों ने सभी नोडल अधिकारियों से प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों की जमीन पर अतिक्रमण होने, ना होने की रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट आने के बाद प्रशाासन द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने की बात कही गई थी, लेकिन ये आदेश कागजी साबित हुए।

केस : 1

सालगरामपुरा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को खेल मैदान के लिए दो बीघा जमीन आवंटित है, लेकिन सीमाज्ञान नहीं होने से ग्रामीणों ने इस पर अतिक्रमण कर रखा है। सीमाज्ञान के लिए विद्यालय प्रबंधन द्वारा शिक्षा विभाग और उपखंड अधिकारी को कई बार लिखित में अवगत करा दिया है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
केस : 2

खाजलपुरा के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय को खेल मैदान के नाम पर आकोडिया रोड पर श्मशान के पास 1.82 हैक्टेयर जमीन आवंटित है। इस जमीन का सीमाज्ञान हो रखा है, लेकिन इस पर झांडियां और बबूल के पेड़ उगे हुए हैं। खेल मैदान की जमीन ऊबड़-खाबड़ है।
केस : 3

आकोडिय़ा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय को 5 एकड़ जमीन खेल मैदान के नाम दी हुई है, लेकिन इस जमीन का अभी तक सीमाज्ञान नहीं हो सका है। ऐसे में कई लोग विद्यार्थियों को वहां खेलन से रोक देते हैं।
केस : 4

बाड़ापदमपुरा के राजकीय आदर्श माध्यमिक विद्यालय का खेल मैदान गोल्यावास में है। मैदान जेडीए और जिला कलक्टर के बीच पत्र व्यवहार में पनप नहीं पा रहा है। सरकारी औपचारिकताओं के बीच मैदान जंगल बन रहा है।
फैक्ट फाइल

विद्यालय विद्यार्थियों की संख्या
राउमावि,बाड़ापदमपुरा 386
राउमावि, सालगरामपुरा 211
राउमावि, खाजलपुरा 480
राउमावि, आकोडिय़ा 184

खेल मैदान की सीमज्ञान करवाने व अतिक्रमण हटाने की विद्यालयों की तरफ से कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर ही खेल मैदान का सीमाज्ञान कराया जाएगा व अतिक्रमण भी हटवाने की कार्यवाही की जाएगी।
बनवारी लाल सिनसिनवार, उपखण्ड अधिकारी, चाकसू

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