script

यह जिला बना अपराधियों का सुरक्षित ठिकाना, हाइटेक हो रहे अपराधी

locationबस्सीPublished: Mar 18, 2020 05:25:29 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

बदमाश अपराध करने में हाइटेक व नित-नए प्रयोग कर रहे हैं, पुलिस चौकियों पर पर्याप्त वाहन की सुविधा न संसाधन

यह जिला बना अपराधियों का सुरक्षित ठिकाना, हाइटेक हो रहे अपराधी

यह जिला बना अपराधियों का सुरक्षित ठिकाना, हाइटेक हो रहे अपराधी

शाहपुरा। वर्तमान समय मेंं बदमाश अपराध करने के लिए हाइटेक व नित-नए प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन जयपुर ग्रामीण पुलिस आज भी पुराने संसाधनों के बूते अपराध रोकथाम की लकीर पीट रही है। शाहपुरा व आसपास के थाना क्षेत्र में आईओसी पाइप लाइन से तेल, टैंकरों से दूध और तेल चोरी का मामला क्षेत्रों में कई महीनों व सालों से होता रहा, लेकिन स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं रही। इसके लिए जयपुर ग्रामीण एसपी के स्पेशल टीम को कार्रवाई करनी पड़ी।
संसाधनों व कमजोर गश्त के कारण यह क्षेत्र हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के अपराधियों के लिए सबसे सुरक्षित ठिकाना रहा। जिले से सटे सीमाई इलाकों में हमारी पुलिस चौकियों पर न तो पर्याप्त मात्रा में स्टाफ है। साथ ही पीछा करने के लिए वाहन ना ही अन्य संसाधन। नाकाबंदी और रात्रि के समय चैंकिग भी बस केवल नाममात्र की ही है। इसकी बानगी शाहपुरा पुलिस थाना इलाके की पुलिस चौकियों पर देखने को मिल रही है। पुलिस थाने के अधीन तीन पुलिस चौकी है।
चौकी में रहता है यातायात स्टाफ
थाने की कस्बा पुलिस चौकी जयपुर-दिल्ली नेशनल हाइवे पर स्थित है। चौकी का स्टाफ थाने और भवन को यातायात पुलिस काम में ले रही है। चौकी के अधीन करीब एक दर्जन गांव ढाणियों में रात्रि गश्त के लिए महज एक बाइक है। हाइवे पर अक्सर दुघटनाएं एवं इलाके में चोरी की घटनाएं होने पर पुलिस देरी से पहुंचती है।
बाइक के सहारे दौड़ती पुलिस
त्रिवेणी पुलिस चौकी पर कहने को तो 7 पद स्वीकृत है, लेकिन 2 दर्जन गांवों की सुरक्षा महज एक उपनिरीक्षक समेत तीन पुलिस कर्मियों के भरोसे है। चौकी पर नियुक्त अन्य पुलिसकर्मी थाने में लगे हुए हैं। 30 किमी के परिक्षेत्र को कवर करने के लिए महज एक बाइक है। वह भी पुरानी हो चुकी है।
गुमटी में चल रही चौकी
जयपुर-दिल्ली नेशनल हाइवे पर बागावास अहिरान पुलिस चौकी महज एक गुमटीनुमा कमरे में संचालित है। यहां एक सहायक उपनिरीक्षक, एक हैडकांस्टेबल और दो कांस्टेबल नियुक्त है। इस अस्थाई चौकी पर पुलिसकर्मियों के ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है।
सीकर सीमा से सटी है चौकी
त्रिवेणी पुलिस चौकी से कुछ ही दूरी पर सीकर सीमा है। चौकी इलाके में कई बार बदमाश वाहन चोरी, भैंस चोरी व अन्य चोरियों की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। पर्याप्त वाहन की सुविधा नहीं होने से सूचना के बाद भी पुलिस समय पर नहीं पहुंच पाती है।
10 लीटर ही मिलता है पेट्रोल
तीनों पुलिस चौकियों पर तीन बाइक है। तीनों बाइकों के लिए एक माह में महज 10 लीटर ही पेट्रोल मिलता है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रात्रि गश्त कितनी होती होगी। चौकियों में बेसिक फोन की भी व्यवस्था नहीं है। हालांकि त्रिवेणी पुलिस चौकी में बेसिक फोन था, लेकिन कई साल पहले उसका भी कनेक्शन कट गया।
इनका कहना
चौकियों पर मुख्यालय की ओर से बाइक ही उपलब्ध करवा रखी है। कस्बा चौकी में नियुक्त कर्मी अपने परिक्षेत्र में नियमित गश्त करते हैं। बागावास पुलिस चौकी अस्थाई है।
महेन्द्र सिंह, थाना प्रभारी, शाहपुरा।

ट्रेंडिंग वीडियो