scriptहिंगोनिया गौशाला का मामला: गायों से सौतेला व्यवहार, जिम्मेदार मौन | Hingonia Causality Case | Patrika News

हिंगोनिया गौशाला का मामला: गायों से सौतेला व्यवहार, जिम्मेदार मौन

locationबस्सीPublished: Jan 29, 2018 10:29:24 pm

Submitted by:

Arun sharma

सिर्फ नगर निगम क्षेत्र की गायों को मिलता प्रवेश, पंचायत क्षेत्र की गायों को नहीं मिल रही सुविधा।

Hingonia Causality Case
बस्सी (जयपुर). प्रदेश के सबसे बड़ा सरकारी हिंगोनिया गौ पुनर्वास केन्द्र बस्सी तहसील में संचालित होने के बावजूद यहां बस्सी तहसील क्षेत्र की ही घायल गयों या आवारा गायों को पनाह के लिए जगह नहीं है। हालात ये हैं कि इस गौशाला में सिर्फ नगर निगम द्वारा लाए जाने वाले जानवरों को रखने की इजाजत है। लेकिन जिम्मेदारों को इसकी परवाह नहीं है। जानकार सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने बस्सी के गांव हिंगोनिया में करीब आठ सौ बीघा जमीन पर घायल जानवरों एवं आवारा गायों के पुनर्वास के लिए गौ पुनर्वास केन्द्र खोल रखा है। पूर्व में गौशाला की सार-संभाल स्वयं नगर निगम प्रशासन करता था, लेकिन वर्ष 2016 में गायों की सिलेसिलवार मौतों के बाद इसे राज्य सरकार ने 1 अक्टूबर, 2016 में अक्षय पात्र को सौंप दिया था। तब इस गौशाला में करीब 78 सौ गायें थीं, वर्तमान में यह संख्या 21 हजार तक पहुंच गई। इतना ही नहीं, प्रतिदिन इस गौशाला पर करीब दस लाख रुपए का खर्च आ रहा है।
यह भी पढे : सौंदर्यीकरण पर पानी फेर रहा अतिक्रमण, फुटपाथ को भी नहीं छोड़ा

सिर्फ नगर निगम क्षेत्र को ही अनुमति
सूत्रों का कहना है कि गायों व अन्य जानवरों के पुनर्वास के लिए बनाए गए इस केन्द्र में सिर्फ नगर निगम द्वारा लाई जाने वाली गायों एवं अन्य जानवरों को रखा जाता है। खास बात ये है कि यदि बूड़थल पंचायत के ही किसी गांव में किसी हादसे में कोई आवारा गाय या जानवर घायल हो जाए तो उसे यहां जगह नहीं मिली, क्योंकि यह नगर निगम क्षेत्र में नहीं है।
यह भी पढे : डम्पर की टक्कर से स्कूटी सवार अध्यापिका की मौत, दूसरी घायल

यह हो सकता है फायदा
यदि उपखंड प्रशासन हस्तक्षेप करके नगर निगम और गौशाला प्रबंधन से बातचीत करके हादसों में घायल गायों या अन्य जानवरों को रखने की अनुमति प्रदान करवा दे तो उन घायलों को काल का ग्रास नहीं बनना पड़ेगा। साथ ही आवारा गायों को भी स्थायी सहारा मिलेगा। वहीं आवारा गायों की वजह से फसलों को बचाने के लिए रातभर पहरा देने वाले किसानों को भी राहत मिलेगी।
यह भी पढे : रंग ला रहे प्रयास, जागरूकता बढ़ी तो गिरा हादसों का ग्राफ
इनका कहना है
हिंगोनिया गौशाला चूंकि बस्सी तहसील क्षेत्र में स्थित है। इसलिए कम से कम इसमें बस्सी क्षेत्र की गायों व अन्य पशुओं को रखे जाने की अनुमति मिलनी चाहिए। इस बारे में नगर निगम एवं हिंगोनिया गौशाला प्रबंधन से चर्चा की जाएगी।
अशोक शर्मा, एसडीएम बस्सी
नगर निगम प्रशासन के निर्देशों के अनुसार सिर्फ हिंगोनिया गौशाला में नगर निगम द्वारा लाई जाने वाली गायों या अन्य जानवरों को रख सकते हैं, अन्य को नहीं। यदि निगम प्रशासन बाहरी गायों को भी आश्रय देनी की अनुमति दे तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।
राधाप्रिय दास, प्रबंधक, हिंगोनिया गौ पुनर्वास केन्द्र हिंगोनिया (बस्सी)
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो