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कैसे उद्योग धंधों और फैक्ट्रियों में लौटेगा कारोबार, आर्थिक मंदी की चिंता

locationबस्सीPublished: May 24, 2020 12:39:08 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

कोरोनाकाल: प्रवासी श्रमिकों का घर लौटने का सिलसिला जारी, स्थानीय को मिले तवज्जो, तभी पटरी पर आएगा कारोबार, बिल्डअप इंडिया का लोगो लगाएं जरूर

कैसे उद्योग धंधों और फैक्ट्रियों में लौटेगा कारोबार, आर्थिक मंदी की चिंता

कैसे उद्योग धंधों और फैक्ट्रियों में लौटेगा कारोबार, आर्थिक मंदी की चिंता

शाहपुरा। कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन में बाहरी राज्यों के मजदूरों के पलायन का सिलसिला जारी है तो, छोटे-मोटे उद्योग धंधे एवं बड़ी फैक्ट्रियों का कारोबार पटरी से उतर गया है। कारोबार में गिरावट आने से व्यवसाइयों को आर्थिक मंदी की चिंता सता रही है। वहीं बाहरी राज्यों से लौटे श्रमिकों की रोजी रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। इन उद्योग धंधों एवं फैक्ट्रियों में बाहरी राज्यों से पलायन कर अपने घर वापस लौटे मजदूरों को प्राथमिकता दी जाए, तो जल्द ही कारोबार के पटरी पर आने की उम्मीद रहेगी। वहीं बाहर से अपने घर लौटे मजदूरोंं को रोजगार भी उपलब्ध होगा।
शाहपुरा ब्लॉक से 1209 प्रवासी अपने घर लौटे
शाहपुरा से 1209 प्रवासी मजदूर कोरोना संकट के चलते रोजगार छोड़कर अपने घर लौट गए हैं। इससे क्षेत्र के छोटे-मोटे उद्योग धंधे एवं फैक्ट्रियों में काम गति नहीं पकड़ पा रहा है। वहीं बाहरी राज्यों व जिलों में काम करने वाले 2542 मजदूर शाहपुरा में अपने घर लौट आए हैं। रोजगार छोड़कर घर आने से उनके सामने परिवार के पालन-पोषण की चिंता सताने लगी है। उद्योगपतियों को अपने कारोबार को पटरी पर लाने के लिए बाहर से लौटे व अन्य स्थानीय मजदूरोंं को रोजगार देने की पहल करनी होगी। क्षेत्र में सबसे अधिक रीको औद्योगिक क्षेत्र का निर्यात व्यवसाय प्रभावित हुआ है।
शाहपुरा में 90 फैक्ट्रियां संचालित
शाहपुरा रीको औद्योगिक क्षेत्र में ग्रेनाइट व मार्बल की 90 फैक्ट्रियां संचालित है। जिसमें 75 से अधिक फैक्ट्रियां ग्रेनाइट की है। इन फैक्ट्रियों में तैयार 90 फीसदी माल करीब एक दर्जन देशों में जाता है। यहां डेढ़ हजार श्रमिक काम करते थे। कोरोना की वजह से आधे ही रह गए हैं। पहले की तुलना में रिको का 40 फीसदी व्यवसाय कम हो गया है।
फैक्ट फाइल
2542 मजदूर बाहरी राज्यों व जिलों से शाहपुरा में आए
1209 शाहपुरा से बाहरी राज्यों में लौट

इनका कहना है
कोरोना महामारी के चलते जो प्रवासी मजदूर यहां आए हैं। उनको रोजगार में प्राथमिकता देनी चाहिए। जिससे बेरोजगार मजदूरों को रोजगार मिल सके और फैक्ट्री संचालकों को भी स्थानीय श्रमिक मिलने से राहत मिल सकेगी। राजस्थान पत्रिका बिल्ड अप अभियान बहुत ही सराहनीय है। इस दिशा में हम काम करेंगे। साथ ही रीको के अन्य फैक्ट्री मालिकों से चर्चा की जाएगी।
कमल नयन कुमावत, फैक्ट्री मालिक एवं रीको अध्यक्ष अजीतगढ़।
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