मनोरंजन की दुनिया में उनका आगाज संघर्ष से भरा रहा। उन्होंने कई प्रयास किए जो लोगों के सामने नहीं आ पाए। साल 2016 में ‘ना हौसला हारेंगे हम’ नामक एक टीवी सीरियल लॉन्च किया। इसके अलावा, पंकज (Pankaj jaiswal) ने ‘अम्मा की बोली’ के साथ एक फिल्म निमार्ता के तौर पर अपनी नई पारी का आगाज किया। फिल्म प्रोडक्शन में आने के पीछे मौजूद अपनी प्रेरणा को लेकर पंकज ने अपनी बात रखी है। उन्होंने बताया कि बचपन से मैं फिल्में देखना पसंद करता था और मुझे इससे बहुत खुशी मिलती थी। फिल्म देखने के साथ ही फिल्म निर्माण में भी मेरी रुचि बढ़ती हुई नजर आई। भारत एक ऐसी जगह है जहां फिल्मों को बहुत बड़े स्केल पर बनाया जाता है। फिल्में बहुत ही सारी भावनाएं लेकर बनाई जाती है। अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में पंकज के बारे में पंकज (Pankaj jaiswal) कहते हैं कि अभी ज्यादा कुछ तय नहीं किया है। यह जरूर है कि कुछ नई योजनाएं शुरू करने पर काम कर रहा हूं।