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किराएदार का सत्यापन नहीं तो मकान मालिक के खिलाफ भी हो सकती है कार्रवाई

locationबस्सीPublished: Nov 28, 2019 04:04:42 pm

पुलिस थानों में नौकर-किराएदारों के गिने-चुने (Verification) सत्यापन
-डिजिटल युग में भी डाक के भरोसे पुलिस

किराएदार का सत्यापन नहीं तो मकान मालिक के खिलाफ भी हो सकती है कार्रवाई

किराएदार का सत्यापन नहीं तो मकान मालिक के खिलाफ भी हो सकती है कार्रवाई

शाहपुरा.
नौकर-किराएदारों के (Verification)सत्यापन को लेकर पुलिस किसी भी तरह से सजग नजर नहीं आ रही है। कानून के तहत नौकर एवं किराएदारों का पुलिस वैरिफिकेशन नहीं कराने पर मकान मालिक के खिलाफ भी मामला दर्ज होता है। कानूनी प्रावधान होने के बावजूद भी वैरिफिकेशन नहीं कराने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।
चंदवाजी में तीन बड़ी यूनिवर्सिटी और शाहपुरा में औद्योगिक क्षेत्र होने से हजारों की तादत में बाहरी लोग किराए पर मकान लेकर रह रहे है। चंदवाजी से लेकर शाहपुरा पुलिस थाना इलाके में सैकड़ों होटल ढाबे भी संचालित है। जहां पर बाहरी लोग काम करते है।
शाहपुरा पुलिस थाने में जनवरी से लेकर अब तक महज ९०० लोगों का सत्यापन हुआ है। जिसमें अधिकतर नौकरी पेशे से युवाओं केे वैरिफिकेशन अधिक है। नौकर-किराएदारों का वैरिफिकेशन तो गिने-चुने है। यहीं हालात चंदवाजी पुलिस थाने का है। यहां क्षेत्र में बिहार, यूपी, बंगाल, कर्नाटक सहित कई राज्यों के कई हजारों विद्यार्थी किराए पर रह रहे है, लेकिन पुलिस के पास इनका कोई लेखा-जोखा नहीं है। इसी का नतीजा है कि जब अपराध होते हैं तो पता लगता है कि आरोपी तो वर्षों से क्षेत्र में रह रहे थे।
अक्टूबर माह में पुलिस ने जयपुर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर टांडा पुलिया स्थित मुक्तावाला ढाणी के पास भूमिगत जा रही इंडियन ऑयल की पाइप लाइन से क्रूड ऑयल की चोरी पकड़ी थी। उस मामले में भी आरोपी बाहरी थे। जो कबाड़ के नाम पर क्रूड ऑयल चोरी की बड़ी घटना को अंजाम दिया था। स्थानीय निवासी से उक्त बाहरी लोगों ने कबाडी का काम करना बताकर किराए पर जमीन ली थी। जो टीन शेड से बनाए कमरे के अंदर से भूमिगत सुरंग बनाकर कू्रड ऑयल की पाइप लाइन से चोरी कर कर रहे थे। (का.सं.)
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डिजिटल युग में भी डाक के भरोसे पुलिस

बाहरी राज्यों के मामले में पुलिस वैरिफिकेशन के लिए मकान मालिक की ओर से फार्म में भरी डिटेल को चैक कराने के लिए नौकर या किरायेदार से संबंधित उस थाने पर भेजती है, जहां का वह मूल रूप से रहने वाला है। यह सूचना डाक से ही भेजी जाती है और सत्यापन होने के बाद वापिस भी सूचना डाक से ही आती है। यह प्रक्रिया इतनी लंबी हो जाती है कि महीनों बाद भी वैरिफिकेशन पूरा नहीं हो पाता।
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आपकी सुरक्षा आपके खुद के हाथ में

धारा 188 के तहत नौकर एवं किराएदार का वैरिफिकेशन नहीं कराए जाने पर मकान मालिक को छह माह की सजा भी प्रावधान है। कोई वारदात होने के बाद पुलिस आप तक पहुंचे, बेहतर है कि पहले ही नौकरों और किरायेदारों का पुलिस वैरिफिकेशन करा लें। नौकर और किरायेदारों के वैरिफिकेशन को केवल पुलिस ही नहीं यह कानून भी कहता है, आपकी सुरक्षा आपके खुद के हाथ में है। अपनी सुरक्षा नहीं की और कोई अपराधी घर में ठिकाना बनाकर आपको नुकसान पहुंचा जाता है, तो इसके लिए कानून भी आपको ही सजा देगा। हालांकि, कानूनी प्रावधान होने के बावजूद भी वैरिफिकेशन नहीं कराने वालों के खिलाफ पुलिस मामले दर्ज नहीं कर रही है।
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इनका कहना है-
नौकर-किराएदार का पुलिस वैरिफिकेशन कराने में मकान मालिक को भी रुचि लेनी चाहिए। इसकी सख्ती से पालना के लिए थाना प्रभारियों को निर्देश दिए जाएंगे। वैरिफिकेशन नहीं कराने पर मकान मालिक के खिलाफ भी इस्तगासा दायर होता है।–राजेश मलिक, डीएसपी, शाहपुरा।
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