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एनजीटी सख्त: अवैध बजरी खनन में लिप्त लोग नहीं बेच सकेंगे जमीन, जुर्माना राशि जमा नहीं होने पर कुर्क होगी जमीन

locationबस्सीPublished: Dec 05, 2017 11:57:03 pm

Submitted by:

vinod sharma

06 दिसम्बर तक जुर्माना राशि वसूलने का शपथ पत्र दिया था, लेकिन अभी तक वसूल नहीं होने पर तहसीलदार ने इनकी जमीन को रहन करने के आदेश दिए हैं।

Illegal gravel mining
कोटपूतली (जयपुर)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले की पालना में तहसीलदार ने क्षेत्र में अवैध बजरी खनन के आरोपित 134 लोगों से प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपए जुर्माना राशि वसूलने के लिए राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज भूमि को राज्य सरकार के नाम रहन करने के आदेश दिए हैं।
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इससे सम्बन्धित लोग उनके नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज जमीन की बिक्री व इन पर ऋण नहीं ले सकेंगे। एनजीटी ने गत माह अवैध बजरी खनन में लिप्त प्रति व्यक्ति से 10 लाख जुर्माना वसूल करने के आदेश दिए थे।
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आदेशों की पालना में तहसीलदार ने बजरी खनन में लिप्त लोगों को नोटिस जारी कर जुर्माना राशि जमा कराने के आदेश दिए थे, लेकिन किसी ने भी जुर्माना राशि जमा नहीं कराई। जुर्माना राशि वसूल नहीं होने पर एनजीटी ने कलक्टर से जवाब मांगा था। कलक्टर के प्रतिनिधि स्थानीय उप जिला कलक्टर ने एनजीटी में उपस्थित होकर 06 दिसम्बर तक जुर्माना राशि वसूलने का शपथ पत्र दिया था, लेकिन अभी तक वसूल नहीं होने पर तहसीलदार ने इनकी जमीन को रहन करने के आदेश दिए हैं।
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तहसीलदार भागीरथ चौधरी ने बताया कि जुर्माना राशि 7 दिसम्बर 2017 तक जमा नहीं कराने पर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज इनकी जमीन कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी। इस पर भी जुर्माना राशि वसूल नहीं हुई तो चल अचल संपत्ति से जुर्माना राशि वसूल करने की कार्रवाई की जाएगी।
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गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता नित्येन्द्र मानव ने क्षेत्र में हुए बजरी खनन को लेकर एनजीटी में जनहित याचिका दायर की थी। एनजीटी ने सुनवाई करते हुए 134 बजरी क्रशर संचालकों से लगभग 14 करोड़ की जुर्माना राशि वसूल कर बजरी खनन प्रभावित गांवों में वृक्षारोपण किए जाने के आदेश दिए थे।

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