टीम की धरपकड़ हुई कमजोर खनन से जुड़े माफियाओं द्वारा कार्यवाही से बचने के लिए निकाली गई इस नई गली की ओर स्थानीय प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है। चाकसू उपखंड अधिकारी ने अवैध बजरी खनन को रोकने के लिए तहसीलदार, नायक तहसीलदार, गिरदावर और पटवारी की टीम गठित कर धरपकड़ अभियान चला रखा है, लेकिन पिछले कई दिनो से ये अभियान भी ठंडा पड़ा हुआ है। इसी के चलते बिना नम्बर प्लेट के वाहन दौड़ लगा रहे हैं। अभियान की शुरुआत में 20 से 25 डम्पर और ट्रंकों पर मानक विभाग द्वारा कार्यवाही की गई, लेकिन अब ऐसी कोई कार्यवाही नजर नहीं आ रही है। टे्रलरों में बजरी भरकर पिछला हिस्सा तिरपाल से ढंका होने के साथ रस्सी से बंधा होता है। ये सब न पुलिस को दिख रहा है और ना ही एसडीएम की टीम को।
बिना नम्बरों के दौड़ रहे ड्रम्पर पुलिस और प्रशासन की कार्यवाही से बचने के लिए खनन माफियों ने नया तोड़ निकाल लिया है डम्परो व ट्रंकों की नम्बर प्लेटों को हटा कर रख लेते है या नम्बरों के उपर कलर कर लिया है जिससे प्रशासन को देखकर चालक वाहन को छोड़कर भाग जाते हैं। बिना नम्बर प्लेट प्रशासन कार्रवाई नहीं कर पाता है। गांव के रास्ते होकर दिन-रात दौड़ते इन वाहनों से ग्रामीणों को खासी परेशानी हो रही है। अक्सर रात को ये वाहन सरपट दौड़ लगाते हैं, ऐसे यदि कोई ग्रामीण सड़क पार करता है, तो उसके साथ दुर्घटना की संभावना बन जाती है।
ग्रामीणों से होती नोकझोंक अवैध खनन और परिवहन को लेकर ग्रामीण परेशान है। ग्रामीण वाहनों को रोकते हैं, लेकिन मौके पर प्रशासन के नहीं आने से उनके प्रयासों पर पानी फिर जाता है। भादड़वास गांव के ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए कुछ दिन पहले गांव से गुजर रहे बजरी से भरे वाहनों को बीच में ही रोक लिया। वाहन चालकों से गहमागहमी होने पर वाहन फिर भी निकल गए। बजरी से भरे कई डम्परों को रोककर ग्रामीणों ने स्थानीय थाना पुलिस और तहसीलदार को जानकारी दी, लेकिन काफी देर तक प्रशासन आया ना ही पुलिस वहां पहुंची। इतनी देर में खनन माफियाओं के लोग जीपों में आए और डम्परों को छुड़ा ले गए। इसके बाद से ग्रामीणों में पुलिस और प्रशासन के खिलाफ रोष पनप गया। कई ग्रामीणों ने तो आरोप लगाते हुए इसमें मिलीभगत की बात भी कही।
परिवहन के लिए ये रहता है रूट बनास नदी से चोरी-छुपे ट्रक और डम्परों सहित अन्य कई छोटे-बड़े वाहनों में बजरी भरी जाती है। यहां से ये वाहन निमोडिय़ा मोड़, आकोडिय़ा, भादड़वास होते हुए कानोता रोड पर निकल रहे हैं। इस रूट से प्रतिदिन 100 से 150 ट्रक और डम्पर आते-जाते देखे जा सकते हैं। दूसरा रूट हुक्कण मोड़ से डाहर, सालगरामपुरा, भवानीपुरा से बाडापदमपुरा से गोनेर होते हुए सांगानेर स्थित बजरी मंडी में जा रहे हैं।
इनका कहना है अवैध बजरी परिवहन करने वाले ट्रकों को रोकने के पूरे इंतजाम कर दुबारा से थानाअधिकारियों व गठित टीम को निर्देशित किया जाएगा। – रणजीत सिंह गोदारा, उपखंड अधिकारी, चाकसू