यह सुन कलक्टर का पारा चढ़ गया। उन्होंने कहा कि जब विभाग की टीम 24 घंटे गश्त करती है तो फिर ट्रक कैसे निकल सकते हैं। कागजों में दिखाने के लिए एक ट्रक रोकते हो और दस ट्रक को छोड़ दिया जाता है। ऐसे तो कैसे रुकेगा अवैध खनन। जहां से बजरी निकलती हैं वहीं दबिश दी जाए, जहां खनन होता है उन जगहों पर कार्रवाई करें। कलक्टर लगातार बरसते रहे और अफसर सुनते नजर आए।
यह कैसी जिम्मेदारी…रखने की जगह नहीं तो बेच रहे बजरी… कलक्टर : खनन विभाग के अधिकारी से पूछा की जब्त बजरी का डिस्पोजल कैसे करते हो तो चौंकाने वाला जवाब मिला। अफसर : 500 रुपए प्रतिटन के हिसाब से कोई लेने नहीं आता तो 1 हजार रुपए टन में उसी को नीलाम कर देते हैं।
कलक्टर : 500 रुपए में कोई लेने नहीं आ रहा और 1 हजार रूपए में बेच देते हो तो यह गंभीर विषय है।
अफसर : हमारे पास जब्त बजरी को रखने की जगह नहीं है।
कलक्टर : तुम भी किसी जमीन पर कब्जा कर लो।
फोर्स को बता दिया— यूजलैस.. खान विभाग के अधिकारियों ने फोर्स नहीं होने के कारण कार्रवाई धीमी होने का तर्क दिया। इस पर कलक्टर ने कहा कि कोटपूतली में आरएसी इसी काम में लिए तैनात की गई है। इस पर अफसर ने कहा की आरएसी तो यूजलैस है..। यह सुनते ही जयपुर ग्रामीण एसपी शंकरदत्त ने कहा की कोई फोर्स यूजलैस नहीं होती है,उससे काम करवाने का तरीका आना चाहिए।
मिलेगी चार्जशीट ग्राम सेवक और पटवारी को उसके क्षेत्र में अवैध बजरी खनन और परिवहन की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यदि उनके क्षेत्र में अवैध बजरी खनन या परिवहन होता है और सूचना नहीं देते हैं तो उनको 17 सीसीए की चार्जशीट दी जाएगी।
इधर, जिम्मेदारी अफसर एक—दूसरे को ठहरा रहे जिम्मेदार पावटा. पावटा परिक्षेत्र के बुचारा, पंंच पहाड़ी, पाछूडाला, भूरी भडाज, रामपुरा, कालीबाय, फतेहपुरा समेत दो दर्जन स्थानों पर डेढ़ दशक खनन कार्य बे-रोकटोक जारी है। खनन माफियाओं के लिए खनन कार्य कामधेनू साबित हो रहा है। खनन माफियाओंं की दबंगई के कारण बुचारा व बनाडी बांध क्षेत्र में खान विभाग के अधिकारी की ओर से कार्रवाई तो दूर जाने से भी कतराते हैं। वहीं खनन अधिकारी और पुलिस एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं। यहीं हालात कालीबाय व भूरी भडाज गांव का है। यहां औसतन 200 ट्रैक्टर ट्रॉली बजरी के रोज निकाले जाते हैं। बनाड़ी बांध जिसकी डूब क्षेत्र का मुआवजा दिए जाने के बाद गत 10 सालों से लगातार बांध क्षेत्र में बजरी खनन हो रहा है। सीकर सीमा से सटे बुचारा ग्राम सहित कालीबाय आदी ग्रामों सहित 10 किलोमीटर की परिधी में वन विभाग की जमीन पर 15 सालों से बेरोकटोक अवैध खनन हो रहा है। इस क्षेत्र में बेशकीमती पत्थर फॉल्सफार व क्वार्टस सहित चेजा पत्थर आदी बड़े पैमाने पर निकाला जा रहा है। इसी प्रकार पंच पहाड़ी फतेहपुरा पाछूडाला सहित कई गांवों में चेजा पत्थर के करीब 100 ट्रक रोज निकल रहे हैं। बुचारा ग्राम में अवैध खनन से निकाला जा रहा पत्थर अजीतगढ़, सीकर जिले व जयपुर के कई गांवों में लगे पत्थर पिसाई प्लान्टों में पहुंचाया जा रहा है। लीज की आड़ में अधिक खनन से भी सरकार को रोज लाखों रुपए का चूना लग रहा है। बनाड़ी बांध में भूमिगत जल स्त्रोतों को काटकर खनन कार्य किया जा रहा। यहां गत दिनों खान ढह जाने से एक जने की मौत भी हो चुकी है। (नि.सं.)
अवैध खनन माफियाओं की दबंगई बुचारा ग्राम में गत साल अवैध खनन को रोकने गए पुलिस दस्ते पर खनन माफियों ने हमला कर पुलिस द्वारा पकड़े गए ट्रैक्टर व व्यक्तियों को छुड़ा ले गए थे। इधर, बनाड़ी बांध में किए जा रहे खनने के बारे में सिंचाई विभाग के सहायक अभियन्ता यशवीर सिंह चौधरी का कहना है कि बनाड़ी बांध पर बिना पुलिस सुरक्षा जाना संभव नहीं है। पुलिस सुरक्षा मिलती भी नहीं है।
करोड़ों रुपए के सड़क मार्ग छलनी खनन के साथ ही ओवरलोडिंग का काम भी बड़े पैमाने पर फलफूल रहा है। जिससे नारायणपुरा से प्रागपुरा, पावटा से बुचारा व काली बाय खेलना से बावड़ी, भोनावास से पावटा आदी कई रोड जिनकी लागत करीब 140 करोड़ से भी अधिक की सड़कें खस्ताहाल है। गत दिनों 58 करोड की लागत से पावटा से नारहेडा तक एमडीआर रोड का निर्माण हुआ है। यह रोड अवैध बजरी परिवहन की भेंट चढ़ गया।
इनका कहना है—- अवैध खनन रोकने के लिए अमीचन्द एमई विजिलेन्स को लगा रखा है। मेरे पास तो केवल चार्ज है। संजय शर्मा, सहायक अभियन्ता, खनन विभाग। मेरे पास कोई सुरक्षा गार्ड नहीं है। कई बार मेरे पर हमला होने की नौबत आ गई। पुलिस सहयोग नहीं करती है। ऐसी स्थिति में कार्रवाई संभव नहीं है। खनन माफिया ने दर्जनों लोग पावटा सहित कई स्थानों पर अपने आदमी बैठा रखे हैं, जो खान विभाग की कार देखते ही सक्रिय हो जाते हैं व मौके से भाग खड़े होते हैं।
अमीचंद, एमई सतर्कता, खनन विभाग। एमई झूठ बोल रहे हैं। जब-जब खान विभाग ने पुलिस बल मांगा है दिया है। कई बार एएसपी कार्यालय में बुलाकर पुलिस बल देने के लिए कहा गया है। अब खनन माफियों से साठ-गांठ के पुलिस पर आरोप लगने के बाद प्रशासनिक अधिकारी द्वारा मांगे जाने पर पुलिस बल देने के उच्चाधिकारियों के निर्देश हैं।
भरत लाल मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कोटपूतली