कोरोना का असर: रोडवेज की आय पर लगा ब्रेक, अब फेरों की बारी
7.5 लाख से घटकर हुई 5.50

कोटपूतली. कोरोना का असर अब सरकार के राजस्व पर भी पडऩे लगा है। इसके चलते यहां रोडवेज की आय में निरंतर कमी के अलावा यात्रियों की संख्या घट रही है। दो दिन में यात्री भार बहुत कम रहा है। राजमार्ग के अलावा इस आगार की विभिन्न मार्गों पर संचालित बसों में यात्री भार घट रहा है। पांच दिनों में औसतन रोज 1.50 लाख की आय कम हुई है। आगार के मुख्य प्रबंधक पवनकुमार सैनी ने बताया आगार में 58 बसें हैं जो विभिन्न मार्गों पर संचालित होती हैं। इनमें कोरोना से पहले रोज 17 हजार लोग यात्रा करते थे। होली के एक दिन बाद तक लक्ष्य अनुरूप यात्री भार अच्छा रहने से खासा राजस्व मिल रहा था। पांच दिन पहले तक यात्री भार लक्ष्य 88 फीसदी के अपेक्षा अधिक 92 प्रतिशत मिल रहा था। कोरोना के चलते दो दिनों में भार घटकर 66 प्रतिशत रह गया। यात्रियों की संख्या भी 17 हजार से घटकर 15 हजार रह गई। 18 मार्च को 14540 लोगों ने यात्रा ने की थी। कोरोना वायरस के पहले आगार को प्रतिदिन 7.5 लाख रुपए की आय हो रही है, जो पांच दिनों में घटकर औसत प्रतिदिन 5.50 लाख रह गई। इसमें 18 मार्च को अब तक की सबसे कम 5 लाख 35 हजार रुपए की आय हुई थी।
रोडवेज के फेरे होंगे कम
रोडवेज की आय में लगातार कमी होने व बसों में यात्री भार कर कम होने पर रोडवेज प्रबंधन बसों के फेरे कम करने पर विचार कर रहा है। मुख्य प्रबंधक ने बताया कि कई बसों में 5 से 10 सवारियां रहती हैं। ऐसे में यात्री भार कम रहने वाले मार्गों पर बसों के फेरे में कटौती के प्रस्ताव तैयार किए हैं। स्वीकृति मिलने पर फेरे कम किए जाएंगे। इससे रोडवेज को डीजल सहित अन्य खर्चों की बचत होगी।
कर्मचारियों को कर रहे जागरूक
मुख्य प्रबंधक ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए चालक-परिचालक यात्रियों को जागरूक कर जरूरी टेलीफोन नंबर उपलब्ध कराए हैं। मास्क व दस्तानों की व्यवस्था की जा रही है। आगार कार्यशाला में आने व जाने वाली बसों को रोज सेनेटाइज किया जा रहा है। अब लोग मजबूरीवश यात्रा कर रहे हैं।
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