10 अप्रेल को की थी 85 वर्षीय वृद्धा की हत्या….
पुलिस अधीक्षक दूदू शांतनु कुमार ने बताया कि 10 अप्रेल को मौजमाबाद थाने के महलां निवासी 85 वर्षीय वृद्धा दुर्गा देवी पत्नी की सफेदा फार्म के पास जंगल में जेवर लूट के लिए हत्या कर दी थी। मृतका के पैरों के चांदी के कड़े व गले से चांदी का लॉकेट गायब था और पैर की हड्डी टूटी हुई थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए दूदू सीओ दीपक खंडेलवाल के नेतृत्व में टीम गठित की गई। जिसमें मौजमाबाद थानाधिकारी उप निरीक्षक संजय मीणा, फागी थानाधिकारी पुलिस निरीक्षक मनोज बेरवाल डीएसटी टीम प्रभारी उप निरीक्षक मुकेश को शामिल किया गया। घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों के बाद पुलिस टीम ने अभियुक्त की पहचान फूल्या उर्फ फूला बावरिया निवासी बोराज के रूप में की। उसकी तलाश में पुलिस ने दबिश दी तो वह अपने डेरे से फरार होकर आसलपुर के पहाड़ों पर चढ़ गया। जिसकी पुलिस उपाधीक्षक दीपक खंडेलवाल के नेतृत्व में घेराबंदी की गई तो फूला पहाड़ी से नीचे कूद गया। जिससे उसके हाथ-पैरों पर चोट आई। पुलिस ने उसे गिरफ्त में लेकर पूछताछ की गई तो उसने वारदात करना कबूल लिया कि एक बाल अपचारी के साथ मिलकर दुर्गा देवी की हत्या की।
शराब पी फिर खंडहर में ले जाकर गला दबाया….
फूला बावरिया ने पुलिस पूछताछ में बताया कि दोनों ने सफेदा फार्म के जंगलों में वृद्धा को अकेले लकड़ियां बीनते व उसके पैरों में हमने चांदी कड़े पहने देखा। तभी वृद्धा को मारकर उसके कड़े लूटने का प्लान बनाया। वारदात को अंजाम देने के लिए दो फनर खरीदे गए। 10 अप्रेल को जब वृद्धा लकड़ी बीनने आई तो सुनसान इलाके में दोनों ने पहले शराब पी और वृद्धा को पकड़कर खंडहर में ले जाकर गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया। वृद्धा की मौत के बाद दोनों पैरों के कड़े फनर से काटकर व पत्थर से तोड़कर निकाल लिए वहां से फरार हो गए।अभियुक्त शराब पीने व मीट का शौकीन….
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवलाल बैरवा ने बताया कि घटना में शामिल फूला बावरिया ने पूछताछ में यह भी बताया कि वह और उसके साथी मिलकर 6-8 माह से बाइक पर ठकर राह चलती महिलाओं की नथ व मुर्कियां तोड़ते हैं तथा उन्हें बेचकर शराब पीते हैं व मीट खाते हैं।खुलासे के लिए खंगाले 200 सीसीटीवी….
पुलिस ने बताया कि घटना के खुलासे के लिए विभिन्न टीमों द्वारा करीब 200 सीसीटीवी को खंगाला गया। मौके पर मिले फनर के मार्का के आधार पर कई दुकानों में पूछताछ की। पता चला इस मार्का के फनर बगरू व बोराज की दुकानों पर मिलते हैं। इसके बाद फुटेज खंगालकर अपराधियों की पहचान की गई। खुलासे में मौजमाबाद थाना के एएसआई मनोहर लाल व कांस्टेबल श्रवण का विशेष योगदान रहा।