सरपंच का आरोप है कि उसने प्रस्तावों की फाईलें पटवारी-गिरदावर को दी थी, जो गायब हो गई। इधर, हंगामा होने पर एसडीएम मनमोहन मीणा ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन देकर मामला शांत किया। इससे पहले शाहपुरा विधायक आलोक बेनीवाल, पंचायत समिति प्रधान मंजू शर्मा व जिला पार्षद हरिनारायण गठाला ने भी शिविर का जायजा लेकर आमजन की समस्याएं सुनी और अधिकारियों को समस्या निस्तारण करने के निर्देश दिए।
विधायक बेनीवाल ने अधिकारी व कर्मचारियों से आमजन की समस्याओं का प्राथमिक से निस्तारण करने और किसी तरह की कोताही नहीं बरतने की बात कही। विधायक के जाने के बाद यहां फाईलें गायब होने के मामले में ग्रामीणों ने हंगामा किया। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों से समझाइश की। शिविर में सरपंच संघ अध्यक्ष रामचन्द्र देवंदा भी शामिल हुए। अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया।
विकास कार्यों की 6 फाईलें गायब होने का आरोप
ग्राम पंचायत सरपंच मुरलीधर यादव व साधुराम फौजी ने बताया कि ग्राम पंचायत क्षेत्र में खेल मैदान के लिए भूमि आवंटन, तीन श्मशानों स्थलों के लिए भूमि आवंटन करने, बावरिया व अन्य घुमंतु जाति के लोगों के लिए आबादी भूमि आंवटन करने एवं एक मालियों के ढाणी के रास्ते के प्रस्ताव की फाईलें तैयार की गई थी।
सरपंच ने बताया कि फाईलें पटवारी व गिरदावार को सौंपी थी। बाद में शाम को पूछा तो फाईलें नहीं मिली। इसको लेकर शाम करीब साढे तीन बजे यहां शिविर में हंगामा हो गया। फाईल नहीं मिलने पर सरपंच ने एसडीएम व तहसीलदार को भी अवगत कराया। इसी दौरान ग्रामीणों ने शिविर स्थल का गेट बंद कर हंगामा खड़ा कर दिया। साधुराम फौजी ने मामले में कार्रवाई की मांग की। जिस पर एसडीएम ने मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और प्रस्तावों की दूसरी फाईलें तैयार कर देने की बात कही। तब जाकर मामला शांत हुआ।
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सरपंच ने सुबह पटवारी-गिरदावर को प्रस्तावों की फाईलें देना बताया है। यदि कर्मचारी को फाईलें दी है और गायब हुई है तो मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। सरपंच को विकास कार्यों के प्रस्तावों की दूसरी फाईलें तैयार कर देने को कहा है। ——–मनमोहन मीणा, एसडीएम, शाहपुरा