कोरोना के दौरान सब्जियों के भाव नहीं मिलने से पहले ही किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। कई ने केसीसी व बैंकों से लोन ले रखा है, उनके सामने विकट स्थिति खड़ी हो गई। किसानों को अब इस फसल से उम्मीद थी। जहां बारिश हो गई उन गांवों में किसानों ने कर्ज लेकर बाजरा व अन्य फसलें बोई थी, लेकिन अब बारिश नहीं हो रही। जो किसान खेती पर ही निर्भर है उनके बाल बच्चों का क्या होगा। परिवार का पालन पोषण भी कैसे करेंगे। यदि बारिश नहीं हुई तो अकाल पडऩे की नौबत आ जाएगी। बारिश के बिना न खाने को अनाज होगा और न ही पशुओं के लिए चारा। किसान कर्ज में डूब जाएंगे।