scriptmonsoon alert-यहां बढ़ी चिंता: आसमां की टकटकी लगाए बैठे किसान | Increased concern here: Farmers sitting staring at the sky | Patrika News

monsoon alert-यहां बढ़ी चिंता: आसमां की टकटकी लगाए बैठे किसान

locationबस्सीPublished: Aug 06, 2020 11:16:25 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

पिछले साल की तुलना में नाम मात्र की बारिश, कर्ज में डूबे किसानों को खाने के लिए अनाज और पशुओं के लिए चारा खरीदना पड़ेगा या फिर पशुओं को बेचना पड़ेगा

monsoon alert-यहां बढ़ी चिंता: आसमां की टकटकी लगाए बैठे किसान

monsoon alert-यहां बढ़ी चिंता: आसमां की टकटकी लगाए बैठे किसान

शाहपुरा। पूरा सावन माह ही रीता निकल गया, अब तक बारिश नहीं होने से खेत सूखे पड़े हुए हैं। कस्बे के आसपास बाजरा व अन्य फसलों की बुवाई तक नहीं हो सकी है। किसान बारिश का इंतजार कर आसमान की तरफ टकटकी लगाए देख रहे हैं। यदि ऐसा ही हाल रहा तो अकाल पडऩे जैसी नौबत आ जाएगी।
कर्ज में डूबे किसानों को खाने के लिए अनाज और पशुओं के लिए चारा खरीदना पड़ेगा या फिर पशुओं को बेचना पड़ेगा। यह पीड़ा शाहपुरा की ढाणी की ही नहीं है, बल्कि इलाके के कई गांवों में किसानों के इसी तरह के हालात है। इधर, अमरसरवाटी तरफ के गांवों में पहले बारिश हो गई वहां बुवाई के बाद बारिश नहीं होने से फसलें मुरझा रही है। वहां भी किसानों को बारिश का इंतजार हैं।
बारिश नहीं हुई तो कर्ज में डूब जाएंगे
कोरोना के दौरान सब्जियों के भाव नहीं मिलने से पहले ही किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। कई ने केसीसी व बैंकों से लोन ले रखा है, उनके सामने विकट स्थिति खड़ी हो गई। किसानों को अब इस फसल से उम्मीद थी। जहां बारिश हो गई उन गांवों में किसानों ने कर्ज लेकर बाजरा व अन्य फसलें बोई थी, लेकिन अब बारिश नहीं हो रही। जो किसान खेती पर ही निर्भर है उनके बाल बच्चों का क्या होगा। परिवार का पालन पोषण भी कैसे करेंगे। यदि बारिश नहीं हुई तो अकाल पडऩे की नौबत आ जाएगी। बारिश के बिना न खाने को अनाज होगा और न ही पशुओं के लिए चारा। किसान कर्ज में डूब जाएंगे।
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