जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग: सर्विसलेन पर अतिक्रमण
जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को 13 वर्ष पूर्व दो लेन से फोरलेन में तब्दील किया गया था, सर्विसलेन पर अतिक्रमण इस कदर हो चुका है कि वो एकाएक नजर नहीं आती

बस्सी/कानोता। जयपुर-आगरा राजमार्ग पर सर्विसलेन पर अतिक्रमण इस कदर हो चुका है कि वो एकाएक नजर नहीं आती। बगराना, कानोता तिराहा, बस्सी चक आदि ऐसे पॉइंट हैं, जहां सर्विसलेन पर सुबह से देर शाम तक दुकानदार और सब्जी-ठेले वाले जमे रहते हैं। ऐसे में राहगीरों को मजबूरन राजमार्ग पर चलना पड़ जाता है, जो वाहनों की आवाजाही के बीच उनकी जान को खतरा बढ़ा देता है।
जानकारी के अनुसार जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को 13 वर्ष पूर्व दो लेन से फोरलेन में तब्दील किया गया था। इसके साथ दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने तथा यातायात सुगमता के लिए छोटे वाहनों के लिए सर्विसलेन का निर्माण किया गया। इसका फायदा कुछ सालों तक लोगों को मिला, लेकिन टोल कंपनी की उदासीनता के चलते वाहन चालकों को इसका फायदा मिलना बंद-सा हो गया है। अब स्थिति ऐसी है कि अधिकांश दुकानदार वहां बनी सर्विललेन का फायदा उठाते हुए सामान जमाकर बैठै रहते हैं। इसके बाद बची हुए जगह पर ग्राहक वाहन खड़ा कर लेन को अवरूद्ध कर देते हैं।
अतिक्रमण ने पसारे पैर
सर्विसलेन में दुकानदारों ने सड़क सीमा से बाहर तक अतिक्रमण कर लिया है। यहां वे अपनी दुकानों का सामान डिस्प्ले कर बेचते हैं। इतना ही नहीं जब ग्राहक आते हैं, तो वे भी अपने वाहनों को सर्विसलेन पर आड़े तिरछे खड़े कर चले जाते हैं। इससे राजमार्ग के किनारे बसी कॉलोनीवासियों को भी आवागमन में परेशानी होती है। सर्विसलेन पर बनी दुकानों के सामने लेन में लोग कुर्सियां लगाकर बैठे रहते हैं। ऐसे में जब वाहन इधर-उधर होते रहते हैं, तो चालकों को हादसे का अंदेशा बना रहता है। कई मर्तबा वाहनों के अचानक आ जाने से घटनाएं भी घट चुकी हैं। कानोता निवासी रवीन्द्र लक्षकार मीणा ने बताया कि वे कुछ दिन पूर्व बाइक से जयपुर जा रहे थे। कानोता तिराहे पर बड़े वाहनों के आ जाने सेे सर्विसलेन से गुजरे, तो आगे दुकानदारों ने सामान रख रखा था। बचाव कर बाइक को निकालते समय कुर्सी से टकरा गया। इससे बाइक अनियंत्रित हो गई और वह गिर गया। टोल प्लाजा कंपनी की ओर से हाल ही राजमार्ग को दुरुस्त किया गया, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया गया।
कार्रवाई हो तो बना रहे डर
टोल कंपनी के वाहन यहां दौड़ते रहते हैं, लेकिन सर्विसलेन पर हो रहे अतिक्रमण की ओर ध्यान नहीं जाता है। टोल कंपनी समय-समय पर सर्विसलेन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे, तो उनमें भय बना रहेगा। कार्रवाई हर सप्ताह हो, ताकि दुकानदार सामान नहीं रख सकें। जब्त सामान को छुड़ाने आने पर चालान भरना पड़े। इससे राजस्व की आय भी होगी। इसके अलावा एक-दो दिन में सर्विसलेन का निरीक्षण किया जाना चाहिए। फिलहाल कंपनी न तो कार्रवाई करती है और ना ही सामान जब्त किया जाता है।
इनका कहना है
दुकानदारों को नोटिस दिया जाएगा। फिर भी वे नहीं मानते हैं, तो पुलिस के सहयोग से अतिक्रमण हटाया जाएगा। वैसे पुलिस कार्रवाई करती है। संसाधन हमारे होते हैं। जल्द ही अतिक्रमण हटाया जाएगा।
- वसुंधरा राव, जनरल मैनेजरजयपुर-महवा टोल वे प्राइवेट लि.
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