जिले के छह ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने जनता के विकास कार्र्यो की एक भी सिफारिश नहीं की है। जिला प्रशासन को विधायकों ने अनुशंसा ही नहीं भेजी। हैरानी की बात है कि इनमें पांच विधायक कांग्रेस के हैं। इसके अलावा छह विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने एक, दो या अंतिम छह कार्यों की अनुशंसा ही की हैं। इसके अतिरिक्त चार विधायकों ने विकास कार्यों में थोड़ी रुचि दिखाई है। इसके अलावा जिले के चार अन्य विधायक अपने क्षेत्र में विकास कार्य कराने में लगे हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा अनुशंसा भेजी है।
बता दें कि जिले में 19 विधायक हैं। सभी को विधायक कोष से हर साल विकास कार्य के लिए 2.25 करोड़ रुपए का फंड मिलता है। इस फंड के जरिए जनता की मूलभूत सुविधा जैसे बिजली, पानी, सड़क सहित अन्य कार्यों को करा सकते हैं। इन कार्यों की अनुशंसा जिला प्रशासन को भेजी जाती है, जहां से मंजूरी के बाद जिला परिषद के जरिए विकास कार्य करवाए जाते हैं। हालांकि सरकार की ओर से फंड देने में देरी हुई है, लेकिन विधायकों ने भी अनुशंसा करने में उतनी ही देरी लगा दी।
इन विधयकों को नहीं की एक भी काम की अनुशंसा
विधायक पार्टी अनुशंसा ————- कार्य————- राशि(लाखों में)
रफीक खान कांग्रेस ——————-0 ————————0 अशोक लाहोटी भाजपा ————— 0 ——————-0
इंद्राज गुर्जर कांग्रेस —————— 0 ——————- 0
गोपाल मीना कांग्रेस —————– 0 ——————- 0
लक्ष्मण मीना निर्दलीय —————0 ——————- 0
वेदप्रकाश सोलंकी कांग्रेस ————-0 ——————- 0
ये 10 कार्योँ का आंकड़ा भी नहीं छू पाए आलोक बेनीवाल कांग्रेस ——————–1 ——————-15.00
प्रतापसिंह खाचरियावास कांग्रेस ————2 ——————-25.00
लालचंद कटारिया कांग्रेस ——————-4 ——————-10.39
गंगादेवी कांग्रेस ——————- ———5- ——————- 10.91
अमीन कागजी कांग्रेस ———————-6 ——————-55.50
इन्होंने दिखाई जनता के लिए थोड़ी फिक्र
महेश जोशी कांग्रेस ——————-15 ——————-84.73
नरपत सिंह राजवी भाजपा ————18 ——————-99.94
कालीचरण सराफ भाजपा ————–25 ——————-131.56
राजेन्द्र सिंह यादव कांग्रेस ————-26 ——————-150.45 ये विधायक आगे रहे जिले में निर्मल कुमावत भाजप ——————49 ——————- 201.50
सतीश पूनिया भाजपा ——————- 51 ——————-152.10
रामलाल शर्मा भाजपा ——————- 68 ——————-326.47
बाबूलाल नागर निर्दलीय —————–123 ——————- 336.50
कुल ———————————— 393 —————–1600.05 आचार संहिता के बाद अटक जाएगा विकास इधर एक महीने बाद निकाय और फिर पंचायत चुनाव जा जाएंगे। इससे विकास कार्यों पर रोक लग जाएगी। ऐसे में जिन विधायकों ने अनुशंसा कर रखी हैं, उनके काम तो शुरू हो जाएंगे, लेकिन जिन्होंने अनुशंसा ही नहीं कर रखी, उनकी प्रक्रिया में देरी होगी।