इस अवसर पर विकास अधिकारी सैनी ने कहा की मानव जीवन के लिए पेड़ जरुरी है। प्राचीन भारतीय धर्म ग्रंथों में भी पौधरोपण को सबसे पुनीत कार्य बताया गया है तथा पौधों की पूजा-अर्चना का विधान तक किया गया है। इसलिए सार्वजनिक भूमि व सरकारी भूमि में पौध संरक्षण की जिम्मेदारी हर व्यक्ति को ईमानदारी से निभानी चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सरपंच बलवंत शर्मा ने कहा की पेड़-पौधे धरती का शृंगार है। प्राचीन काल में ऋषि -मुनियों ने पेड़ -पौधों की पूजा-अर्चना का विधान पौध संरक्षण व पर्यावरण के प्रति मानव समाज की जिम्मेदारी के लिए बनाया था।
सरपंच ने प्रत्येक व्यक्ति को अधिक से अधिक पौधे लगाकर उनका संरक्षण करने को कहा। इस दौरान उप सरपंच सुरेश मीणा, जेटीए संजय वर्मा, ग्राम विकास अधिकारी सीताराम यादव, अशोक मीणा, शंकरलाल डोडवाडिया, फूलचंद रेवाड़, राकेश निर्माण, विजय घोसल्या, कनिष्ठ सहायक किरण अटल, अर्जुन लाल यादव, रोजगार सहायक मुक्ति लाल यादव सहित कई लोगों ने विचार व्यक्त कर उपस्थित लोगों से पौध संरक्षण को पर्यावरण के प्रति सबसे बड़ी जरूरत बताया।
लगाए गए पौधों के संरक्षण का लिया संकल्प कार्यक्रम में विकास अधिकारी, सरपंच व विभागीय कार्मिकों की मौजूदगी में चरागाह भूमि में 160 पौधे लगाए गए। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों ने चारागाह भूमि में लगाए गए पौधों की बड़े होने तक देखभाल कर संरक्षण करने का संकल्प भी लिया। कार्यक्रम के दौरान काफी संख्या में ग्रामीण व पंचायत कार्मिक मौजूद थे।