इस जेल से जब कैदी फरार हुए थे। उस समय जेल के उच्च अधिकारियों ने यहां का दौरा कर जेल के अन्दर की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए निगरानी टावर बनाने व जेल की दीवारों पर ताराबंदी मजूबत करने की बात की थी। लेकिन इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई। इस जेल में कई खुंखार प्रवृति के भी है जिनको काबू में करने के लिए जेल कर्मियों को मशक्कत करनी पड़ती है।
वर्जन
घायल व आरोपित बंदियों में पहले से रंजिश है। इसलिए इनको अलग अलग बैरक में रखा गया है। जेल में वसूली व झगड़े के आरोप निराधार है। बंदी को पेट में दर्द की शिकायत करने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया है।
ुसुरेश चंद शर्मा, उप कारापाल, उप कारागृह कोटपूतली