कार्यक्रम में अग्रपीठाधीश्वर रेवासा धाम डॉ. राघवाचार्य वेदांती ने कहा कि धार्मिक स्थल मनुष्य को सदैव बुराइयां छोड़कर अच्छाईयां ग्रहण करने की प्रेरणा देते है। धार्मिक स्थल पर आकर व्यक्ति अपने दुख को भूलकर परमेश्वर का ध्यान करता है। जिससे मनुष्य के विचार व सोच शुद्ध होते है।
खोजीद्वाराचार्य त्रिवेणी धाम के महंत रामरिछपाल दास महाराज ने कहा कि अपने जीवन में मर्यादित आचरण के कारण प्रभु श्रीराम को जनमानस ने मर्यादा पुरुषोत्तम की मानस उपाधि से विभूषित किया। महाराज ने कहा कि भगवान राम के जीवन का चरित्र व संस्कार व्यक्ति को सदैव अपने परिवार, अपने मित्र सहित बंधु व जनमानस के प्रति सदैव मर्यादित व उच्च कोटि का जीवन जीने की प्रेरणा देते है।
महामंडलेश्वर खेड़ापति आश्रम के महंत प्रेमदास महाराज ने कहा कि ज्योतिष व अध्यात्म व्यक्ति को सदैव आशावादी व सकारात्मक जीवन जीने की राह दिखाते है। आश्रम के संरक्षक अंजनी धाम हाड़ोता के महंत हरिकृष्ण दास ग्वालिया बाबा ने कहा कि चौरासी लाख योनियों में मनुष्य सबसे अग्रज माना गया है।
ग्वालिया बाबा ने कहा कि मनुष्य का धर्म है कि वह सब प्राणियों के संरक्षण के लिए अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि गौ सेवा से जो पुण्य मिलता है वह मनुष्य के लिए सबसे बड़ा धन है।
इस अवसर पर गौशाला आश्रम के महंत रामबिहारी दास महाराज ने कहा की अमरसरवाटी क्षेत्र में अध्यात्म व गौ सेवा के प्रति जन जन की आस्था है। इससे पहले याज्ञिक सम्राट पंडित गणपति विश्वनाथ शास्त्री के सानिध्य में विधिवत पूजा अर्चना के साथ गौशाला आश्रम परिसर में राम मंदिर का शिलान्यास कर आधारशिला रखी।
इस अवसर पर जालपाली आश्रम के महंत रामलखनदास महाराज, बाबा भजनदास आश्रम के महंत काली दास महाराज, शत्रुघ्नदास महाराज महरौली, परमानंदजी कुंडा धाम के महंत प्रहलाददास महाराज, सुरेशदास महाराज, सुदर्शनदास महाराज, गोविंददास महाराज, मुकंददास महाराज ने भी आशीर्वन दिए।
कार्यक्रम में रामजीलाल शर्मा, ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश जोशी निवाणा, डॉ. बाबूलाल बराला, नरेन्द्र शर्मा, बाबूलाल पारीक, बंशीधर, पंडित धर्मेंद्र शर्मा, पंडित नरोत्तम शर्मा सहित कई लोग मौजूद थे।