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Jaipur rural : यूनिवर्सिटी ने झाड़ा पल्ला, आईसीएआर की मान्यता का सरकार करें प्रयास

locationबस्सीPublished: Oct 18, 2019 03:32:38 pm

-चिमनपुरा में कृषि फैकल्टी को आईसीएआर की मान्यता नहीं, छात्रों का भविष्य अंधकार में

Jaipur rural : यूनिवर्सिटी ने झाड़ा पल्ला, आईसीएआर की मान्यता का सरकार करें प्रयास

Jaipur rural : यूनिवर्सिटी ने झाड़ा पल्ला, आईसीएआर की मान्यता का सरकार करें प्रयास

-अलग से कृषि कॉलेज खुले तो मिले आईसीएआर से मान्यता

छात्र-छात्राओं का कॉलेज में विरोध प्रदर्शन जारी

शाहपुरा।

चिमनपुरा के बाबा भगवानदास राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अन्तर्गत कृषि फैकल्टी को खुले 40 साल बीत गए, लेकिन अभी तक कृषि कॉलेज का दर्जा नहीं मिला। अलग से कृषि कॉलेज नहीं होने से यहां संचालित कृषि फैकल्टी को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से मान्यता नहीं मिल पा रही है। जिससे यहां अध्ययनरत और अध्ययन कर चुके पूर्व छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में है।
आईसीएआर की मान्यता नहीं मिलना छात्र-छात्राओं के लिए राजस्थान से बाहर उच्च अध्ययन और नौकरी में बाधा बना हुआ है। इस मामले में कृषि विवि जोबनेर प्रशासन ने भी आईसीएआर की मान्यता के मामले से पल्ला झाड़ लिया है। विवि प्रशासन का कहना है कि विवि का कार्य छात्रों की एग्जाम लेना और डिग्री देना है। मान्यता का मामला कॉलेज व सरकार के स्तर का है।
विडम्बना तो यह कि हाल ही राज्य सरकार ने कोटपूतली में नया कृषि कॉलेज खोला, लेकिन चिमनपुरा में वर्ष 1978-79 से संचालित कृषि फैकल्टी के पास कॉलेज खोले जाने के लिए पर्याप्त भूमि व अन्य संसाधन मौजूद होने के बावजूद कृषि कॉलेज का दर्जा नहीं दिया गया।
यदि यहां अलग से कृषि कॉलेज खोल दिया जाए तो आईसीएआर से मान्यता मिल जाए और कई जिलों के छात्र-छात्राओं को कृषि के उच्च अध्ययन की सुविधा मिल सकेगी। वर्तमान में आईसीएआर की मान्यता नहीं मिलने से छात्र न तो प्रदेश से बाहर के कृषि विश्वविद्यालयों में उच्च अध्ययन कर पा रहे और न ही नौकरी।

कृषि विवि से मान्य, आईसीएआर से नहीं मान्यता

चिमनपुरा का कृषि संकाय जोबनेर कृषि विवि से तो मान्य है, लेकिन अभी तक आईसीएआर से मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में यहां के छात्रों को प्रदेश के बाहर के कृषि विश्वविद्यालयों में उच्च अध्ययन के लिए प्रवेश नहीं मिल पा रहा।
कई छात्र अक्टूबर माह में उच्च अध्ययन के लिए दस्तावेजों का सत्यापन कराने कृषि विवि ग्वालियर और जबलपुर गए तो वहां आईसीएआर से मान्यता नहीं होने से एमएससी एजी में प्रवेश नहीं दिया।

अलग से कृषि कॉलेज खुले तो मिले आईसीएआर से मान्यता
कृषि कॉलेजों को संचालन के लिए आईसीएआर से मान्यता लेनी होती है। आईसीएआर के मान्यता के लिए कई मापदण्ड निर्धारित है। जिसमें कृषि संकाय के लिए अलग से महाविद्यालय भवन, कृषि फार्म, अलग से व्याख्याता, प्रयोगशाला आदि का होना आवश्यक है।

पूर्व विधायक बोले -10 साल तक किया प्रयास, नहीं खुला सका कॉलेज


पूर्व विधायक विराटनगर डॉ. फूलचंद भिण्डा ने बताया कि यहां कृषि कॉलेज खुलवाने के लिए गत कांग्रेस व भाजपा सरकार के समय काफी प्रयास किया था, लेकिन कॉलेज नहीं खुल सका। मापदंड भी पूरे है। यहां करीब 21 हैक्टयेर भूमि अलॉट है, भूमि तक सड़क पहुंचा दी, पर्याप्त स्टाफ है।
कांग्रेस सरकार ने हाल में नए कॉलेज खोल दिए, लेकिन यहां 40 वर्ष से संचालित कृषि संकाय को कॉलेज का दर्जा नहीं दिया। सरकार को कॉलेज खेालना चाहिए। जिससे विद्यार्थियों को राहत मिल सके।
आईसीएआर की मान्यता को लेकर छात्रों ने किया धरना-प्रदर्शन

इधर, आईसीएआर की मान्यता के अभाव में परेशान चिमनपुरा के कृषि संकाय के छात्र-छात्राओं का विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहा। विद्यार्थियों ने महाविद्यालय के मुख्य गेट बंद कर प्रात: 9 से दोपहर 12 बजे तक धरना-प्रदर्शन किया।
छात्रों ने मान्यता दिलाकर छात्रों को राहत देने की मांग की। इस दौरान कॉलेज प्रशासन ने समझाइश का प्रयास किया, लेकिन छात्र अपने भविष्य का हवाला देते हुए मांग पर अड़े रहे। इस दौरान छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मीणा, नरेश कुमार, अजीत कुमार सैनी आदि ने बताया कि 40 वर्ष पुराना कॉलेज है। यहां जयपुर, सीकर, दौसा, सवाईमाधोपुर, गंगानगर सहित कई जिलों के छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है।
इसके बावजूद सरकार व विवि प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा। आईसीएआर की मान्यता के अभाव में यहां से डिग्री लेने के बाद भी छात्र न तो राजस्थान से बाहर उच्च अध्ययन कर सकते है और न ही नौकरी। ऐसे में छात्रों के भविष्य अंधकार में है। सरकार को छात्रों की समस्या का समाधान करना चाहिए।
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छात्रों की समस्या के बारे में कॉलेज शिक्षा आयुक्त को पत्र लिख दिया है। शीघ्र ही समस्या का समाधान कराया जाएगा। —–डॉ. डी के आचार्य, प्राचार्य, बीबीडी राजकीय महाविद्यालय, चिमनपुरा

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चिमनपुरा कॉलेज की कृषि फैकल्टी जोबनेर कृषि विवि से एफिलेटेड है, लेकिन विवि का कार्य छात्रों की एग्जाम कराना और डिग्री देना है। आईसीएआर की मान्यता लेना कॉलेज प्रशासन व सरकार के स्तर का मामला है। कुछ छात्र भी आए थे, उनको समझा दिया और कॉलेज प्रशासन को इस मामले में पत्र भी लिख दिया है।—–
—जे एस संधू, वाइस चांसलर, कृषि विवि, जोबनेर

छात्रों की समस्या की जानकारी मिली है। इस संबंध में उच्च शिक्षा मुत्री से वार्ता कर छात्रों की समस्या का कोई समाधान किया जाएगा।—–इन्द्राज गुर्जर, विधायक, विराटनगर

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