शाहपुरा पालिका में चेयरमैन के लिए ओबीसी वर्ग का आरक्षण होते ही चुनावी दौड़ में शामिल सामान्य वर्ग के नेताओं के मंसूबों पर पानी गया है। वहीं, पिछले कई माह से चुनावी दौड़ में लगे ओबीसी वर्ग के दावेदारों में खुशी दिखाई दी। पालिका क्षेत्र में दोनों पार्टियों के नेताओं में ओबीसी की सीट का आरक्षण चर्चा का विषय रहा। अब ओबीसी वर्ग की सीट पर चुनाव लडऩे के लिए दावेदारों ने तैयारी शुरू कर दी है।
हालांकि इलाके में इस बार ओबीसी वर्ग की सीट निर्धारित होने की ही चर्चाएं थी। शाहपुरा में पिछले दो बार चेयरमैन के लिए सामान्य वर्ग की सीट निर्धारित की गई थी। जिसमें वर्ष 2009-10 में सामान्य और वर्ष 2014-15 में सामान्य वर्ग की महिला के लिए सीट आरक्षित थी। ऐसे में यहां इस बार लोगों को ओबीसी के आरक्षण की ही उम्मीद थी।
सामान्य वर्ग के नेताओं के मंसूबों पर फिरा पानी, ओबीसी में दावेदार अधिक शाहपुरा नगरपालिका की स्थिति देखें तो यहां चेयरमैन के लिए ओबीसी की सीट निर्धारित होने से चुनाव लडऩे तैयारी कर रहे सामान्य वर्ग के नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर गया है। वहीं, शाहपुरा में ओबीसी वर्ग के दावेदार अधिक होने से अब सीट चर्चा का विषय बन गई है।
कोटपूतली व विराटनगर में कई नेताओं को लगा झटका, चेयरमैन होगी सामान्य महिला इधर, कोटपूतली व विराटनगर में नगरपालिका के चेयरमैन के लिए निकाली गई लॉटरी में सामान्य वर्ग की महिला का पद आरक्षित हुआ है। यहां सामान्य महिला की सीट आरक्षित हो जाने के कारण कस्बे में चेयरमैन पद के लिए भागदौड़ कर रहे कई दावेदारों को झटका लगा है।
अब यहां चेयरमैन के लिए सामान्य महिला दावेदार होगी। विराटनगर में पिछली बार वर्ष 2014-15 में भी सामान्य वर्ग के लिए सीट निर्धारित थी। जबकि इससे पहले वर्ष 2009-10 में ओबीसी महिला वर्ग का आरक्षण था।
बदले समीकरण, नए दावेदार भी आएंगे सामने
खास बात यह भी है कि इस बार सभी नगरपालिकाओं में वार्ड बढऩे से पुराने समीकरण बदल गए हैं। जिससे शाहपुरा, कोटपूतली व विराटनगर सहित सभी जगह नए दावेदार भी चुनावी मैदान में दिखाई देंगे। ऐसे में लॉटरी निकलते ही चर्चाएं शुरू हो गई है।