बालिका के जन्म के साथ ही मां-बाप को उसके लालन-पालन और भविष्य के खर्चों की चिंता होने लगती है। इन चिंताओं की वजह से ही बालिका जन्म को बढ़ावा नहीं मिलता और शिशु लिंगानुपात घटता है। बालिका जन्म एवं शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने लाडो प्रोत्साहन योजना लागू की है। योजना से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलेगा और मातृ मृत्यु दर के साथ ही बालिका शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी।
इस योजना में बालिका के जन्म पर एक लाख रुपए राशि का संकल्प पत्र प्रदान किया जाएगा। बालिका के जन्म से लेकर 21 वर्ष आयु पूरी करने तक राशि का भुगतान 7 किस्तों में डीबीटी के माध्यम में ऑनलाइन किया जाएगा। पहली छह किश्तें बालिका के माता-पिता अथवा अभिभावक के बैंक खाते में तथा 7वीं किश्त बालिका के बैंक खाते में
डीबीटी के माध्यम से ऑनलाइन हस्तांतरित की जाएगी।
बालिका का जन्म होने पर पहली किस्त 2500 रुपए, एक वर्ष की आयु एवं समस्त टीकाकरण होने पर दूसरी किश्त 2500 रुपए, राजकीय विद्यालय या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर तीसरी किश्त 4 हजार रुपए, छठी कक्षा में प्रवेश लेने पर चौथी किश्त 5 हजार रुपए, 10वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर पांचवी किश्त 11,000 रुपए, 12वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर छठी किश्त 25,000 रुपए तथा स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने एवं 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर 7वीं किश्त 50 हजार रुपए बालिका के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर होगी।
बालिका का जन्म राजकीय चिकित्सालय या अधिस्वीकृत निजी चिकित्सा संस्थान में होना आवश्यक है। प्रसूता का राजस्थान की मूल निवासी होना भी जरूरी है। गर्भवती महिला की एएनसी जांच के दौरान राजस्थान की मूल निवासी होने का प्रमाण-पत्र देना होगा।