आमेर, सांगानेर, बस्सी व चाकसू के अधिवक्ता डीजे से मिलकर अपनी मांगों को रखा। मांगों पर वार्ता की गई, लेकिन सहमति नहीं बनी। इस दौरान कई अधिवक्ता डीजे से मिलेन पहुंचे थे। आमेर, सांगानेर, बस्सी व चाकसू के अधिवक्ताओं डीजे से मिलकर अपनी मांगों को रखा। बार एसोसिएशन अध्यक्ष अमरीश शर्मा ने बताया कि गुरुवार को सभी बारों की स्थानीय बारों में जनरल हाउस की बैठक होगी। इसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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उन्होंने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशानुसार डीजे महानगर के मुख्य महानगर मजिस्टे्रट जयपुर महानगर ने खो-नागौरियान थाने को बस्सी न्यायालय संख्या 32, ब्रहृमपुरी थाने को आमेर एवं प्रतापनगर थाने को सांगानेर न्यायालय से जोडऩे के आदेश दिए थे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशानुसार डीजे महानगर के मुख्य महानगर मजिस्टे्रट जयपुर महानगर ने खो-नागौरियान थाने को बस्सी न्यायालय संख्या 32, ब्रहृमपुरी थाने को आमेर एवं प्रतापनगर थाने को सांगानेर न्यायालय से जोडऩे के आदेश दिए थे।
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जिसके मुताबिक 8 जनवरी से इन थाना क्षेत्रों में होने वाले अपराधों की सुनवाई शुरू होनी थी, लेकिन इस मामले में डीजे महानगर की ओर से स्थगन आदेश दे दिए गए, जिससे अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है।
जिसके मुताबिक 8 जनवरी से इन थाना क्षेत्रों में होने वाले अपराधों की सुनवाई शुरू होनी थी, लेकिन इस मामले में डीजे महानगर की ओर से स्थगन आदेश दे दिए गए, जिससे अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है।
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अधिवक्ताओं का कहना है कि खो-नागौरियान थाने को बस्सी, ब्रहृमपुरी थाने को आमेर एवं प्रतापनगर थाने को सांगानेर न्यायालय में शामिल करने के आदेश को स्थगित करना आमजन के साथ भी सही नहीं है।
अधिवक्ताओं का कहना है कि खो-नागौरियान थाने को बस्सी, ब्रहृमपुरी थाने को आमेर एवं प्रतापनगर थाने को सांगानेर न्यायालय में शामिल करने के आदेश को स्थगित करना आमजन के साथ भी सही नहीं है।